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दुनिया के 160 से अधिक देशों में मारवाड़ी बढ़ा रहे राजस्थान का गौरव | Rajasthan Day Special Overseas Rajasthani

मारवाड़ी इंटरनेशनल फेडरेशन पिछले 8 माह से देश-दुनिया में रह रहे प्रवासी राजस्थानियों को जोड़ रहा है। अमरीका, यूएई, यूरोपीय और अफ्रीकन देशों के प्रवासी राजस्थानी ऑनलाइन जुड़े हैं। इनमें ऐसे मारवाड़ी भी शामिल है, जो 10 पीढ़ियों से बाहर रह रहे हैं। इसके अलावा पिछले कई सालों से देश के विभिन्न प्रदेशों और अन्य देशों में रह मारवाड़ी भी जुड़े हैं।

बन रहे मददगार
दुनिया के कई देशों में बसे मारवाड़ी आपस में एक-दूसरे की मदद भी कर रहे हैं। बिजनेस के अलावा शादी-ब्याह, युवाओं की नौकरी, बच्चों की पढ़ाई, सामाजिक कार्यों में मददगान बन रहे हैं। उस देश के मारवाड़ी राजस्थानी परंपरा को निभाने के साथ एक जगह आकर होली—दिवाली जैसे त्योहार भी मना रहे हैं।

यूं बढ़ा रहे दायरा
वर्चुअल म्यूजियम : इसे बनाने की तैयारी शुरू हो चुकी है, इसमें देश-दुनिया में रहने वाले ऐसे मारवाड़ियों को शामिल किया जा रहा है, जिन्होंने विदेशों में रहकर राजस्थान का गौरव बढ़ाने का काम किया है।
मारवाड़ी मेट्रो मनी : अन्य प्रदेशों के साथ विदेशों में रहने वाले मारवाड़ियों की मदद के लिए इसे शुरू करने की तैयारी है। ससे मारवाड़ी शादी-ब्याह में एक दूसरे की मदद कर सकेंगे। एक दूसरे के बारे में सामाजिक व वित्तिय जानकारी मिलने में आसानी होगी।
स्टार्टअप इन्वेस्ट इंडिया : प्रतिभाशाली युवाओं के स्टार्टअप आयडिया को आॅनलाइन करने के लिए तैयारी शुरू कर दी गई है। युवाओं के स्टार्टअप को आॅनलाइन करने से देश—विदेश में रह रहे राजस्थानी मदद कर सकेंगे। उन्हें तकनीकी मदद दिलाने के साथ वित्तीय मदद भी कर सकेंगे।

किस देश से कितने जुड़े ऑनलाइन
देश – मारवाड़ी परिवार
यूएई – 40
ओमान – 13
यूएस – 8
कनाड़ा – 6
यूके – 5
थाईलैंड – 5 देश में कितने जुड़े मारवाड़ी ऑनलाइन
प्रदेश – मारवाड़ी परिवार
महाराष्ट्र – 296
पश्चिमी बंगाल – 162
झारखंड – 86
आसाम – 71
कर्नाटक – 50
उत्तरप्रदेश – 47
गुजरात – 46
ओडिसा – 39

मारवाड़ियों को आपस में जोड़ने के लिए पहल की है। 162 देशों के साथ देश के विभिन्न क्षेत्रों में बसे करीब 2 करोड़ मारवाड़ियों को नि:शुल्क जोड़ने का लक्ष्य है। इसमें 40 लाख मारवाड़ी विदेशों में रह रहे हैं।
सीए विजय गर्ग, फाउंडर जनरल सेक्रेटी, मारवाड़ी इंटरनेशनल फेडरेशन

घर से दूर होकर भी आपस में जुड़कर ‘घर’ जैसा लगने लगा है। दूसरे देशों में पहचान के लोग मिलना सुखद पहल है। जरूरत पड़ने पर एक—दूसरे की मदद भी करने लगे हैं। हम अन्य लोगों को भी जोड़ रहे है।
अमित अग्रवाल, संयोजक ओमान, मारवाड़ी इंटरनेशनल फेडरेशन

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