Rajasthan

देवोत्थानी एकादशी के बाद शुरू होंगे मांगलिक कार्यक्रम, जानें 4 महीनों के शुभ मुहूर्त

कृष्ण कुमार/नागौर. हिंदू पौराणिक कथा के अनुसार, देवउठनी एकादशी, इसलिए मनाई जाती है क्योंकि इस दिन भगवान विष्णु चार महीने तकी लंबी निद्रा में सोते हैं और इस दिन उनके जागने का समय आता है.  इसलिए इस एकादशी को “देवोत्थान एकादशी” या “देवउठनी एकादशी” कहा जाता है. लोकप्रिय भाषा में इसे “देवउठनी ग्यारस” या “ड्योठान” भी कहा जाता है. इस विशेष एकादशी को मनाने का मुख्य उद्देश्य भगवान की आराधना, पूजा और व्रत के माध्यम से उनकी कृपा को प्राप्त करना है. इस साल, देवउठनी एकादशी 23 नवंबर 2023, गुरुवार को मनाई जाएगी.

आषाढ़ मास से लेकर चातुर्मास मास तक, देवता शयन निद्रा में रहते हैं, जिसका समापन कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी के साथ होता है, जिसे हम देवउठनी एकादशी कहते हैं. इस दिन भगवान विष्णु शयन से बाहर आते हैं, जिससे चातुर्मास का समापन होता है. इस दिन से शुभ कार्यों का प्रारंभ होता है, जैसे विवाह, मुंडन, सगाई, गृह प्रवेश, आदि. देवउठनी एकादशी के दिन शुभ मुहूर्तों की खोज और शुभ घटनाओं का आरंभ होता है.

जानिए कब है शुभ मुहुर्त
ज्योतिषाचार्य कैलाश के अनुसार, देवउठनी एकादशी पर 23 नवम्बर से विवाह की शुरुआत होगी. नवम्बर माह में 23, 24, 27, 28, और 29 के दिन साया रहेगा. इसके बाद, दिसम्बर माह में 3, 7, 9, 10, 13, और 15 को भी विवाह के लिए मुहूर्त है. यहां तक कि 15 दिसम्बर के बाद 15 जनवरी तक मलमास रहेगा, जिसके कारण इस अवधि में विवाह के लिए कोई शुभ मुहूर्त नहीं होगा.

2024 मे यह रहेगे शुभ मुहुर्त
कैलाश शर्मा बताते हैं कि सक्रांति के बाद, शुभ कार्यों को पुनः शुरू करना सामंजस्यपूर्ण है. उनके अनुसार, 16 जनवरी से 17, 20, 22, 27, 28, 29, 30, और 31 जनवरी में शुभ मुहूर्त रहेंगे. फरवरी में भी 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 12, 13, 14, 18, 19, 25, और 26 फरवरी को भी शुभ मुहूर्त होगा. इसके बाद, मार्च में 2, 3, 4, 5, 6, 11, और 12 तक भी शुभ मुहूर्त रहेगा. हालांकि, 13 मार्च से मीन मास (मलमास) का आरंभ हो जाएगा, जिसके कारण शुभ कार्यों का आरंभ ठीक से नहीं हो पाएगा. मलमास के दौरान लोग अधिकांश शुभ कार्यों से बचते हैं और इस समय को सांयिक संयम और ध्यान में व्यतीत करने के लिए उपयुक्त मानते हैं. इसलिए, शुभ कार्यों को मीन मास के बाद से पुनः शुरू करना अच्छा माना जाता है.

देवउठनी एकादशी के बाद शुभ कार्य 
ज्योतिषाचार्य कैलाश शर्मा के अनुसार, देवउठनी एकादशी के बाद कोई भी शुभ कार्य करना उत्तम माना जाता है. इस अवसर पर विवाह, नूतन व्यापार की शुरुआत, और गृहप्रवेश जैसे महत्वपूर्ण कार्यों को संपन्न करना शुभ माना जाता है. देवउठनी एकादशी के पश्चात समय को सामुर्थ्यपूर्ण, पौराणिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जाता है और लोग इस समय में शुभ कार्यों को संपन्न करना पसंद करते हैं.

Tags: Latest hindi news, Local18, Nagaur News, Rajasthan news

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj