नवलगढ़ के फागोत्सव में भजनों पर झूम उठीं विदेशी पर्यटक, पर्यावरण संरक्षण की पेश की अनूठी मिसाल
रवींद्र कुमार/झुंझुनूं. शेखावाटी के नवलगढ़ की होली काफी प्रसिद्ध है. जिसमें शामिल होने के लिए विदेश से भी लोग आते हैं. नवलगढ़ की गिंदड़ व गेर की परंपरा सैकड़ों साल पुरानी है. इस कला को देखने लिए बड़ी संख्या में विदेशी सैलानी भी शेखावाटी आते हैं. गिंदड़ व गेर में बड़ी सख्या में विदेश शामिल होते हैं और जमकर डांस का आनंद उठाते हैं. एक दूसरे के गुलाल लगाकर होली की परंपरा निभाते है.
झुंझुनूं जिले के नवलगढ़ कस्बे में सात समंदर पार से विदेशी गुलाल की होली खेलने भी पहुंचते हैं.नवलगढ़ कस्बे की होली सांप्रदायिक सौहार्द के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण की एक अनूठी मिसाल है. यहां पर सिर्फ सूखे गुलाल से होली खेली जाती है. साथ ही गुलाल के अलावा फूलों की होली भी काफी मशहूर है. फाल्गुन के महीने में हर तरफ फागोत्सव की धूम है. नवलगढ़ में अयोजित इस फागोत्सव के रंग में रंगने से गोरी मेम भी पीछे नहीं रहीं, यानि कि विदेशी पर्यटक भी पीछे नहीं है.
विदेशी महिला ने जमकर किया डांस
नवलगढ़ के मुख्य बाजार स्थित बड़े गोपीनाथजी के मंदिर में फागोत्सव का आयोजन किया गया. जिसमें बिना रंग के फूलों के साथ महिलाओं ने जमकर श्रीकृष्ण-राधा के भजनों पर डांस किया. इसी दौरान मंदिर के आगे से निकल रही विदेशी महिला पर्यटक भी भजनों पर खुद को रोक नहीं पाई. वह भी मंदिर में चल रहे फागोत्सव में पहुंच गई और महिलाओं के साथ काफी देर तक डांस किया. गोरी मेम को अपने बीच पाकर महिलाएं भी खुश हुई. सभी महिलाओं ने अपने अपने तरीके से इस विदेशी पर्यटक को आयोजन के बारे बताया और फाल्गुन महीने की खासियत बताई.
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FIRST PUBLISHED : March 20, 2024, 15:49 IST