नागौर के इस गांव में बिजली कटौती ने बढ़ाई लोगों की परेशानी, दिन और रात कट रहे हैं मुश्किल से
कृष्ण कुमार/नागौर. नागौर का मातासुख गांव कोयले के लिए भारतवर्ष में प्रसिद्ध है. लेकिन इस गांव में माइंस के क्षेत्र में बिजली मिलती है. लेकिन जहां पर ग्रामीण रहते है उस क्षेत्र में 24 घंटे में मात्र 6 घंटे बिजली आती है. मातासुख गांव में जीएसएस भी है, लेकिन गांव को बिजली विभाग ने आज भी जायल डिस्कॉम के ढेहरी जीएसएस से जोड़ रखा है.
मातासुख को बिजली विभाग ने जायल डिस्कॉम से रोल डिस्कॉम के अधीन कर दिया गया है. जबकि गांव में बिजली जायल डिस्कॉम के ढेहरी जीएसएस से आती है. जिस कारण गांव में आज भी बिजली कृषि कुओं के कारण महज छह घंटे ही मिल पाती है, बाकी बिजली देने के दौरान कृषि रिएक्टर लगा कर आपूर्ति दी जाती है जिससे गांव में महज बीस से तीस वोल्टेज बिजली मिलती है. कम बिजली के कारण ग्रामीणों के रोजाना हजारों रूपए के उपकरण जल रहे है.
जायल डिस्कॉम से हुआ रोल डिस्कॉम के अधीन
ग्रामीण मुकेश ने कहा कि मातासुख गांव में बिजली विभाग का जीएसएस लगा है,जो आरएसएमएमएल के मांइस क्षेत्र में बिजली की आपूर्ति करता है. इस जीएसएस से गांव को जोड़ दिया जाये तो गांव में निरंतर बिजली मिल सकती है. ग्रामीण मुकेश ने बताया कि गांव में बिजली की भारी समस्या है. महज छह घंटे बिजली मिलती है, कृषि कुओं के कारण गांव में महज बीस वोल्टेज बिजली मिलती है. सिंगल फेज की दरकार भी ग्रामीण को है पर डिस्कॉम इसको लेकर अनदेखी कर रहा है.
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FIRST PUBLISHED : August 23, 2023, 18:09 IST