नाम घमंड़ी, काम दमदार: चेहरे की झुर्रियां चुटकी में करे खत्म, कई बीमारियों के लिए भी है रामबाण
अर्पित बड़कुल/ दमोह. काकलबर वह औषधीय पौधा है, जो दमोह जिले सभी ग्रामीण इलाकों में आसानी से मिल जाता है, लेकिन जानकारी के आभाव में लोग इसका लाभ नहीं उठा पाते हैं. यह औषधि पौधा एंटी एजिंग, जलन को कम करने, जल्दी से घाव भरने, पराबैंगनी विकिरण के प्रभाव को कम करने के वाले भरपूर गुणों भरा हुआ होता है. आयुर्वेद में इसका बड़ा महत्व है.
ग्रामीण क्षेत्रों में खेत खलिहान और खरपतवार में पाई जाने वाले इस कांटेदार औषधीय पौधे को गांव के लोग घमंडी के नाम से जानते है. जिसका बॉटनिकल नेम काकलबर होता है.फलों के पदार्थ कोलेजन नाम के प्रोटीन के उत्पादन को प्रभावित करते हैं,जो त्वचा में लचीलापन और उसमें झुर्रियां आने से रोकने में भी कारगर होते हैं. अलग अलग जगहों पर पनपने वाले इस औषधि पौधे के फलों की जैविक गतिविधि की तुलना करने पर विशेषज्ञों ने पाया है कि चीन की तुलना में दक्षिण कोरिया में पनपने वाले आर्तगल के फलों में ज्यादा एंटी ऑक्सीडेंट या एंटी इन्फेमेटरी गुण होते हैं और साथ ही उनमें घाव भरने की क्षमता भी ज्यादा होती है. ऐसा ही प्रभाव अन्य गुणों में भी देखने को मिलता है.
चेहरे की झुर्रियां हो जाती है गायब
आयुर्वेद डॉ दीप्ति नामदेव के अनुसार यह ओषधि पौधा हमारे आस पास ही पाया जाता है लेकिन हम इसका इस्तेमाल करना नहीं जानते, जबकि यह वो पौधा है जिसका लेप लगाने से चेहरे की झुर्रियां गायब हो जाएगी. इसके अलावा कम समय मे घाव को भरने के लिए इस पौधे का इस्तेमाल किया जाता है. इतना ही नहीं आयुर्वेदिक दवाओं में इसका एक अंश भी मिलाया जाता है.
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FIRST PUBLISHED : November 1, 2023, 09:48 IST