Rajasthan

नाम बड़े दर्शन छोटे! ‘बड़ागांव’ से बड़े हैं Jhunjhunu के दर्जन भर गांव, कुछ तो नगरपालिका बनने की कगार पर

झुंझुनूं : जिले की गुढ़ा तहसील का एक गांव है बड़ागांव, जिसके बारे में कई तरह की चर्चाएं हैं लेकिन क्या आपको पता है नाम के अनुसार यह गांव बड़ा नहीं है. गोठड़ा (कॉपर), सुलताना, मंड्रेला, मलसीसर, बबाई, बुहाना, इस्लामपुर, जसरापुर, डूंडलोद, छापोली, नरहड़, पौंख व खिरोड़, ये उन 15 गांवों के नाम हैं, जो जिले में बड़ा गांव से भी अधिक आबादी वाले हैं. बड़ा गांव से अधिक क्षेत्रफल भी इनमें से कई गांवों का है. ऐसे में बड़ागांव काे बड़ा गांव कहना कितना ठीक है?

जिले में वर्तमान में आबादी के हिसाब से सबसे बड़ा गांव गोठड़ा है. 2011 की जनगणना के अनुसार गोठड़ा की आबादी 16933 थी. इसके बाद सुलताना की आबादी 16337 है. इसके बाद तीसरा नंबर आता है मंड्रेला का. मंड्रेला की आबादी 14258 है. मलसीसर की जनसंख्या 13719 है. पिछले 11 सालों में जनसंख्या में और भी अधिक इजाफा हुआ है. टॉप पांच में आने वाले बुहाना की आबादी 10495 है. इसी तरह जसरापुर की 10094 और डूंडलोद की 10024 है. जनसंख्या के लिहाज से जिले के टॉप 15 गांवों की बात करें तो बड़ागांव का नंबर सबसे आखिर में है. यहां की जनसंख्या सिर्फ 7974 है और यहां 1477 घर हैं.

ये पंचायतें बन सकती हैं नगरपालिका

झुंझुनूं जिले में पांच ऐसी पंचायतें हैं जो नगर पालिका बनाई जा सकती हैं. मंड्रेला, सुलताना, मलसीसर, बबाई और सिंघाना की जनसंख्या को देखते हुए आने वाले समय में राज्य सरकार यहां नगरपालिका बोर्ड का गठन कर सकती है. हाल ही में गुढ़ागौड़जी में नगरपालिका का गठन किया जा चुका है. नगरपालिका के लिए पंचायत की आबादी 20 हजार या इससे अधिक होनी चाहिए. जिले में सुलताना, मंड्रेला, सिंघाना व मलसीसर इस मापदंड को पूरा करती हैं. इन्हें नगरपालिका बनाया जा सकता है जबकि बबाई की आबादी भी नई जनगणना में 20 हजार पार पहुंच सकती है. आबादी के लिहाज से मलसीसर, सिंघाना, मंड्रेला व सुलताना को कस्बा माना जाता है.

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पहले नगर पालिका था मंड्रेला, वापस बना पंचायत

1980 के दशक में जिले की बड़ी पंचायतों में शामिल मंड्रेला को नगर पालिका बनाया गया था. लेकिन करीब एक साल बाद ही इसे फिर से पंचायत बना दिया गया. इसकी वजह व्यापारियों का विरोध था. व्यापारियों के विरोध के कारण मंड्रेला नगरपालिका को एक साल बाद ही वापस पंचायत का दर्जा दे दिया गया था. इससे विकास की गति थम सी गई. उन दिनों नगरपालिका क्षेत्र में व्यापारिक माल के प्रवेश पर चुंगी व्यवस्था लागू थी इसलिए व्यापारियों ने मंड्रेला को नगरपालिका बनाने का विरोध किया था.

Tags: Jhunjhunu news, Village

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