National

निठारी कांड: समाज के लिए पंढेर और कोली… पूरी ना हो सकी UP के पूर्व जल्लाद की ये आखिरी ख्वाहिश

नोएडा/ओलिवर फ्रेडरिक. उत्तर प्रदेश के जल्लाद पवन जल्लाद ने कुख्यात निठारी हत्याकांड में सुरेंद्र कोली और मोनिंदर सिंह पंढेर को बरी किए जाने को निजी क्षति बताया और कहा, “भीषण हत्याओं और नरभक्षण से मेरे पिता पर बेहद बुरा असर पड़ा था और वे दोनों को फांसी देना चाहते थे.” कुख्यात निठारी कांड वर्ष 2005 और 2006 के बीच घटित हुआ था, लेकिन यह तब सुर्खियों में आया जब दिसंबर, 2006 में नोएडा के निठारी स्थित एक मकान के पास नाले में मानव कंकाल पाए गए थे. मोनिंदर पंढेर उस मकान का मालिक था और कोली उसका नौकर था.

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बीते 16 अक्टूबर को मामले के मुख्य आरोपी को बरी कर दिया था, जिसमें 16 बच्चों और तीन महिलाओं का यौन उत्पीड़न और उनकी हत्याएं शामिल थीं. सुरेंद्र कोली और मोनिंदर सिंह का बरी होना पवन के लिए सबसे बड़ी पीड़ा लेकर सामने आई क्योंकि वह अपने पिता मम्मू जल्लाद की आखिरी इच्छा पूरी नहीं कर पाया. दिल्ली की तिहाड़ जेल में 2020 में निर्भया मामले के चार दोषियों को फांसी देने वाले यूपी के आधिकारिक जल्लाद पवन ने न्यूज़18 को बताया कि उनके पिता ने 47 वर्षों तक राज्य की सेवा की और 19 मई, 2011 को अंतिम सांस ली.

पवन ने कहा कि उनके पिता, जो पहले दिन से आश्वस्त थे कि निठारी मामले के आरोपियों को मौत की सजा दी जाएगी, मामले की हर छोटी से छोटी बात पर नजर रखते थे. उन्होंने कहा, “मुझे अभी भी उनके शब्द याद हैं- ये हत्यारे समाज में रहने के लायक नहीं हैं, वे फांसी के लायक हैं.”

पवन 2013 में यूपी के जेल विभाग में शामिल हुए, इस उम्मीद में कि उन्हें अपने पिता की आखिरी इच्छा पूरी करने और निठारी के परिवारों को न्याय दिलाने का मौका मिलेगा. उन्हें यह जानकर बहुत आश्चर्य हुआ कि उनके विभाग में शामिल होने के दो साल के भीतर ही उन्हें विभाग से फोन आया कि उन्हें सुरिंदर कोली को फांसी देने के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया है.

पवन ने कहा कि प्रोटोकॉल के अनुसार, जेल अधिकारियों द्वारा फांसी के दिन से 10 दिन पहले जल्लाद को बुलाया जाता है. पवन ने कहा, “पुली की ओवरहॉलिंग शायद पहला काम है क्योंकि इसका उपयोग अक्सर नहीं किया जाता है. इसलिए, हम उनके उचित कामकाज को सुनिश्चित करने के लिए चरखी और लकड़ी के तख्तों (जिस पर दोषी खड़ा होता है) पर काम करते हैं.”

Tags: Noida Nithari Kand

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj