निवेश किया लेकिन दस्तावेज गायब! सोशल मीडिया से लिए टिप्स? लेड़ीज़, अबकी बार न करें ये 3 वित्तीय चूक
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मौजूदा वित्तीय वर्ष (2023-24) खत्म होने को है और हमें यकीन है कि आपने अपने ऑफिस में इन्वेस्टमेंट डिक्लेयरेशन के तहत निवेश प्रमाण जमा करवा दिए होंगे. लेकिन यदि नहीं करवाए हैं तो यह काम जल्द से कर लीजिए ताकि सैलरी में बेजा कटौती न हो. यदि आपने निवेश किया ही नहीं था, तो यह एक चूक है. कई बार होता यह है कि हम समय से फैसला नहीं ले पातीं, और कई बार सही फैसला क्या है यह भी हम नहीं समझ पातीं. ऐसा किसी के भी साथ हो सकता है इसलिए जरूरत है गलतियों और चूकों से सबक लेने की और आने वाले वित्तीय वर्ष (2024-25) की सही तरीके से योजना बनाने की. किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए आइए जानें कि ऐसे कौन से जरूरी काम हैं जो आपको करने चाहिए या एकदम नहीं करने चाहिए. फिनसेफ इंडिया की फाउंडर और फाइनेंशल एजुकेटर म्रिन अग्रवाल ने बताए ऐसे चार कदम जो आपको साल 2024 के लिए जरूर अपना लेने चाहिए.
निवेश सलाह के लिए सोशल मीडिया से बचें:
चंद सेकेंड्स की रील्स से ध्यान आकर्षित करने के दौर में आप जो भी सुनती हैं, वह सलाह जैसा लगता तो है लेकिन जरूरी नहीं कि आपके केस में सही सलाह हो. अपने सर्कल और सोशल मीडिया पर जो कुछ भी सुनती हैं, उसमें फंस जाती हैं. महिला निवेशकों को यह याद रखना चाहिए कि दूसरों की वित्तीय स्थिति उनसे अलग है और इसलिए दूसरों की सलाह के आधार पर निवेश करना सही कदम नहीं है. याद रखें, आपको जल्द अमीर बनने के लालच से दूर रहना है और लगातार जल्दी पैसा कमाने का कोई तरीका होता ही नहीं है. यदि आप शेयर बाजार में निवेश करती रही हैं तो फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (एफएंडओ) से दूर रहें. बाजार नियामक सेबी के आंकड़ों से पता चलता है कि 90 प्रतिशत एफएंडओ व्यापारी घाटे में रहते हैं.
ऐसे निवेशों पर ध्यान दें जो मुद्रास्फीति को मात दें
महंगाई यानी मुद्रास्फीति. निवेशकों को यह जांचना चाहिए कि क्या उनका निवेश टैक्स और मुद्रास्फीति के बाद सकारात्मक रिटर्न दे रहा है. यदि नहीं, तो उन्हें अपने पोर्टफोलियो को एक बार फिर से अलोकेट करने के तरीके पर गंभीरता से एक बार फिर से विचार करने की जरूरत है.
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निवेश से जुड़ी बीमा योजनाएं और NSC जैसी पोस्ट ऑफिस स्कीम्स अगले वित्तीय वर्ष में पिछड़ जाएंगी. किसी तरह के घाटे या कम रिटर्न पर बाजार से बाहर निकलने के लिए बहुत साहस की जरूरत होगी, लेकिन अगर कोई पैसा बढ़ाना चाहता है तो उसे कड़ी मेहनत करनी होगी.
निवेश किया लेकिन दस्तावेज गायब!
साल के आखिर में आपको ध्यान में रखना होगा कि आपके सभी वित्तीय दस्तावेज क्रम में हैं. गड़बड़ टैक्स फाइलिंग या नॉन-डिक्लेयरेशन की लागत टैक्स डिडक्शन से बचाए गए पैसे से कहीं अधिक है. जनवरी और फरवरी के दो महीने सैलरीक्लास लोगों के लिए इन्वेस्टमेंट डिक्लेयरेशन के लिहाज से वित्तीय नजरिए से महत्वपूर्ण होते हैं. आपमें से महिलाएं नौकरी कर रही हैं, उन्होंने अब तक मौजूदा वित्तीय वर्ष से जुड़े सभी निवेशों के कागजात अपने अपने ऑफिसों में जमा करवा दिए होंगे. यदि नहीं करवाएं तो बेहतर होगा कि इसे जल्द से जल्द निपटा लिया जाए. यदि आपने निवेश किया ही नहीं था, एक मोटी रकम आपकी सैलरी से काटी जा सकती है.
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यहां सबसे अधिक ध्यान देने योग्य बात यह है कि आपकी सैलरी में से कितना पैसा कटेगा या कटा होगा यह आपकी इनकम के इनकम टैक्स स्लैब पर निर्भर करता है. यदि आप टैक्स स्लैब में हैं तब ही आपको इन्वेस्टमेंट पूर्फ न जमा करने से दिक्कत उठानी पड़ सकती है. मार्च महीने के लिए, टीडीएस की कैलकुलेशन एंप्लॉयलर आपके इन्वेस्टमेंट प्रूफ के वेरिफिकेशन के बाद करता है. इन निवेश सबूतों को समय से जमा न करने पर मार्च के दौरान अधिक टीडीएस कटौती हो सकती है.
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FIRST PUBLISHED : February 9, 2024, 10:27 IST