Rajasthan

नॉर्वे में खोजा गया दुनिया का सबसे पुराना 'रूनस्टोन'

पुरातत्वविदों ने नॉर्वे में दुनिया के सबसे पुराने खुदे हुए ‘रूनस्टोन’ की खोज की है। रूनस्टोन, प्राचीन स्कैंडिनेवियाई लोगों द्वारा जर्मनिक वर्णमाला ‘रून’ के साथ उकेरे गए बड़े पत्थर होते हैं। लगभग 2,000 साल पुराने शिलालेखों के साथ यह रूनस्टोन स्कैंडिनेविया में लिखित रूप में दर्ज शब्दों का सबसे पहला उदाहरण हो सकता है। यह दुनिया का सबसे पुराना डेटा योग्य रूनस्टोन है। इस सपाट, चौकोर ब्लॉक पर कई शिलालेख हैं।

कई मायने थे इन रहस्मयी संकेतों के:

खोज की जगह के आधार पर इसे ‘सविंगरुड स्टोन’ नाम दिया गया है। रून नॉर्वे में लेखन का सबसे पुराना ज्ञात रूप है। अब तक अन्य वस्तुओं पर रून्स पाए गए थे। ऐसा पहली बार हुआ है कि ये रहस्मयी संकेत पत्थर पर पाए गए हैं। सबसे प्राचीन ज्ञात रूनिक खोज डेनमार्क में हुई थी। इसे हड्डियों से बनी कंघी पर चाकू की नोक या सुई से उकेरा गया था। रून का मुख्य उद्देश्य क्षेत्र को चिह्नित करना, विरासत की व्याख्या करना, मृत रिश्तेदारों, निर्माणों और महत्वपूर्ण घटनाओं के बारे में जानकारी देना होता है।

अंतरराष्ट्रीय पुरातत्वविदों की निगाहें :

नॉर्वे में खोजे गए इस रूनस्टोन का प्रयोग संभवत: मृतकों को याद करने के लिए किया गया था या किसी व्यक्ति ने रून के अभ्यास के दौरान पत्थर पर इन्हें उकेरा होगा। इस पत्थर पर कई शिलालेख हैं लेकिन सभी के भाषाई अर्थ नहीं हैं। संभावना है कि पत्थर के अग्रभाग पर लिखे आठ रून्स किसी महिला, पुरुष या परिवार का नाम हो सकते हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि यह एक सनसनीखेज खोज है जिस पर अब अंतरराष्ट्रीय विद्वानों और पुरातत्वविदों की निगाहें हैं। हालांकि इस पर अभी और शोध होना बाकी है।

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