पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले किसानों को साधने का प्रयास, किसान संगठनों संग कांग्रेस और अकाली दल ने की बैठक

पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 (punjab assembly election 2022) की तैयारियां जोरों पर हैं। चुनावी प्रचार शुरू करने से पहले सभी राजनीतिक पार्टियां भविष्य में पैदा होने वाली समस्याओं से निपटने में जुटी हैं। ऐसे में पंजाब के राजनीतिक दलों ने किसान संगठनों संग बैठक की।

नई दिल्ली। पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 (punjab assembly election 2022) की तैयारियां जोरों पर हैं। चुनावी प्रचार शुरू करने से पहले सभी राजनीतिक पार्टियां भविष्य में पैदा होने वाली समस्याओं से निपटने में जुटी हैं। ऐसे में नए कृषि कानूनों को लेकर विरोध कर रहे किसान भी चुनाव प्रचार में बड़ी समस्या बनकर सामने आ सकते हैं। इसके चलते आज पंजाब में किसान संगठनों और राजनीतिक पार्टियों की बैठक (meeting with farmers) बुलाई गई। इस बैठक में किसानों की समस्या सुनी गई और उनके निस्तारण पर भी चर्चा हुई।
कांग्रेस, आप और अकाली दल ने की किसानों से मुलाकात
जानकारी के मुताबिक यह बैठक चंडीगढ़ के सेक्टर 36 में पीपल्स कन्वेंशन हाल में हुई। बैठक में कांग्रेस (congress) , आम आदमी पार्टी (aap), और शिरोमणि अकाली दल (akali dal) के नेता शामिल हुए। खास बात यह है कि भाजपा को इस बैठक में शामिल होने का न्योता नहीं दिया गया था। बैठक में पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (navjot singh siddhu), पंजाब कांग्रेस के महासचिव परगट सिंह और शिअद के प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा और डॉ. दलजीत सिंह चीमा सहित कई नेता शामिल ह़ुए।
किसानों संग टकराव नहीं चाहता अकाली दल
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार किसान संगठनों की सबसे पहले बैठक में शिरोमणि अकाली दल (akali dal) के साथ हुई। इसमें पार्टी के नेता व पूर्व सांसद प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा, पूर्व मंत्री डॉ दलजीत सिंह चीमा, राज्य सभा सदस्य बलविंदर सिंह भूंदड़ और महेश इंद्र ग्रेवाल ने अपनी पार्टी का पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि पार्टी टकराव नहीं चाहती लेकिन 2022 के चुनाव में जाने के लिए लोगों की राय लेनी जरूरी है। इसलिए पार्टी ने सौ दिन में सौ विधानसभा हलकों में जाने का कार्यक्रम रखा है। गौरतलब है कि मोगा में सुखबीर सिंह की रैली में किसान और पुलिस की बीच हुई झड़प के बाद अकाली दल ने कुछ दिनों के लिए रैलियां न करने की घोषणा की थी।
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अकाली दल और किसान संगठनों की बातचीत के बाद कांग्रेस की ओर से नवजोत सिंह सिद्धू और परगट सिंह ने किसान संगठनों के साथ चर्चा की। सिद्धू ने कहा कि किसान हितों के प्रति कांग्रेस पूरी तरह समर्पित है। केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन (farmer protest) में कांग्रेस पूरी तरह किसानों के साथ है। गौरतलब है कि कांग्रेस शुरुआत से ही कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार पर हमलावर हैं। वहीं पंजाब सीएम ने हाल ही में धान की फसल पर समर्थन मूल्य बढ़ाने की घोषणा की थी।
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