परंपरागत खेती छोड़ किसान ने शुरू की बागवानी, अब आंवले से कमा रहा लाखों

कालूराम जाट, दौसा. जब बात खेती-किसानी की हो तो अन्नदाता को होने वाली परेशानी, पानी की कमी और फसल से मुनाफे का ना होना जहन में आना सामान्य बात है. हालांकि प्रदेश में ऐसे कई किसान है जिन्होंने परंपरागत खेती के विकल्प में कम लागत, कम पानी और ज्यादा मुनाफे के लिए बागवानी कर मुनाफा उठा रहे है. ऐसा ही एक माज़रा जयपुर-बस्सी के बैनाडा के पास एक किसान की बागवानी का सामने आया. जहां आंवले के बगीचे ने किसान की किस्मत बदली है.
किसान अपने 10 बीघा जमीन में 600 आंवले के पेड़ लगाकर हर साल 5 से 7 लाख तक की फसल का उत्पादन कर रहा है. जिससे किसान को काफी मुनाफा हो रहा है. किसान परंपरागत खेती को छोड़कर बागवानी की और इसके बाद से किसान को लखपति बन गया है.
किसान दिलराज बगड़ावत ने बताया कि वह आज से 15 साल पहले अपने इस 10 बीघा जमीन में परंपरागत खेती किया करता था. लेकिन जब पानी की समस्या बढ़ी तो किसान को परंपरागत खेती-बाड़ी से मुनाफा कम होने लगा और फसल भी कम होती नजर आई.
ऐसे में विपरित परिस्थितियों में भी किसान ने हार नहीं मानी और कृषि विशेषज्ञ से कम पानी से होने वाली फसलों और बागवानी की जानकारी ली. जिसके बाद उन्होंने कम लागत व कम पानी की फसल आंवले का विचार किया और अपनी 10 बीघा जमीन में 600 आंवले के पौधे रोपें. इन आंवले के पेड़ों पर किसान की कुल लागत 1.30 लाख रुपए आई. उसके बाद पेड़ तैयार होने के बाद वह हर साल 5 से 7 लाख की फसल बेच रहा है. जिससे किसान को काफी मुनाफा हो रहा है.
उल्लेखनीय है कि यह पेड़ काफी बड़े होते हैं. इनमें पानी की लागत बहुत ही कम रहती है और कुछ समय के लिए ड्रिप योजना से इनमें पानी दे दिया जाता है. किसान को कम लागत में इस फसल से भरपूर फायदा मिलता है.
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FIRST PUBLISHED : August 27, 2023, 13:54 IST