पशुओं के लिए नहीं है हरा चारा तो लगाएं यह घास, सरकार दे रही अनुदान, दुग्ध उत्पादन भी बढ़ेगा

कालू राम जाट/दौसा : पशुओं की दुग्ध उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए सरकार नेपियर घास उगाने के लिए किसानों को अनुदान प्रदान कर प्रोत्साहित कर रही है. जिस से पशुओं के लिए हरे चारे की उपलब्धता बढ़ेगी और दुग्ध उत्पादन भी बढ़ेगा.उसी के साथ बार-बार खेतों में पशुओं के लिए बार-बार हरा चारा उगने की परेशानी भी दूर हो जाएगी. एक बार लगाने के बाद सालों तक चारें की परेशानी नहीं रहेगी. जब मर्जी आए तभी अपने पशुओं को काटकर हरा चारा खिलाए. हर समय खेतों में उपलब्ध रहेगी यह नेपियर घास.
कृषि अधिकारी धर्म सिंह गुर्जर ने बताया कि नेपियर घास के सेवन से दुधारू पशुओं में 20 प्रतिशत तक दूध की मात्रा बढ़ाई जा सकती है. साथ ही नेपियर घास को रवि खरीफ के साथ-साथ जायद में भी उगाया जा सकता है. सरकार नेपियर घास के प्रति किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रति किसान 0.10 हे भूमि में नेपियर घास की बुवाई पर 10 हजार रुपए तक का अनुदान देती है.
नेपियर घास का नाम भी शामिल
कृषि अधिकारी अशोक कुमार मीणा ने बताया कि बाजरा की हाइब्रिड किस्मों में नेपियर घास का नाम भी शामिल है. इसकी खेती बंजर जमीन पर भी हो जाती है. जमीन की कमी होने पर खेत की मेड़ों पर भी नेपियर घास उगा सकते हैं. बारिश के मौसम में नेपियर घास उगान से सिंचाई की अलग से जरूरत नहीं होती बल्कि ये चारा फसल 20-25 दिनों में ही पक कर तैयार हो जाती है.इतना ही नहीं, सिर्फ 1 बार इसकी खेती करने से 3-5 साल तक का काम चल जाता है.
सरकार अनुदान राशि दे रही
इस घास की पहली कटाई 45 दिनों में और फिर बाद में हर 25 दिन में इसकी कटाई करते रहें. नेपियर घास में दूध उत्पादन को बढ़ाने और पशुओं के बेहतर स्वास्थ्य के लिये कई पोषक तत्व भी मौजूद होते हैं. शुरुआती अवस्था में नेपियर घास में 12-14% शुष्क पदार्थ पाये जाते हैं. इसके सेवन से पशुओं से दूध उत्पादन में 20% तक की बढ़ोत्तरी होती है.इसके अलावा, प्रोटीन, रेशा, कैल्शियम व फास्फोरस की राख जैसे पोषक तत्वों की खान होती है नेपियर घास. हरे चारे की उपलब्धता बढ़ेगी और दुग्ध उत्पादन भी बढ़ेगा नेपियर घास को बढ़ावा देने के लिए सरकार अनुदान राशि दे रही है.
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FIRST PUBLISHED : April 16, 2024, 18:05 IST