पायलट ने गहलोत पर कसे बड़े तंज, कहा-कुछ लोग खुद को असुरक्षित महसूस करते हैं, जानें और क्या कहा?

जयपुर. राजस्थान कांग्रेस (Rajasthan Congress) में चल रही अंदरुनी कलह (Discord) एक बार फिर से जयपुर से दिल्ली (Jaipur to Delhi) पहुंच गई है. जयपुर में बुधवार को एक कार्यक्रम में सचिन पायलट (Sachin Pilot) पहुंचे तो वहां न सिर्फ पायलट को सीएम बनाने को लेकर नारे लगे बल्कि खुद उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) पर नाम लेकर और बिना नाम लिए कई हमले (Attack) बोले. पायलट ने गहलोत का नाम लिए बिना निशाना साधते हुए कहा कि दुर्भाग्य से कुछ लोग राजनीति में कुर्सी से चिपके रहते हैं. ऐसे लोग खुद को असुरक्षित महसूस करते हैं. ठीक से काम नहीं कर पाते और अपने साथ वालों को साथ लेकर नहीं चल पाते.
जयपुर के महारानी कॉलेज के वार्षिक उत्सव में भाग लेने के बाद पायलट ने बिना नाम लिए गहलोत पर तंज कसते हुए कहा कि मैं राजनीति में काफी उम्र में आ गया था. मेरा 20-22 साल का अनुभव है. अगर मैं अपना अनुभव शेयर नहीं करता हूं और लोगों को मौका नहीं दूंगा तथा उनका हाथ पकड़ कर आगे नहीं बढाउंगा तो फिर मेरा राजनीति में जल्दी आने का क्या फायदा ?
वक्त की मांग के मुताबिक बदलाव जरुरी है
पायलट ने कहा 20 साल में राजनीति काफी बदल गई है. अब युवाओं की उम्मीदें बढ़ गईं हैं. अगर नौजवानों को पार्टी में साथ लेकर आगे नहीं बढ़ेंगे और नई परिपाटी से काम नहीं करके उसी पुराने ढर्रे से काम करेंगे तो जनता का भरोसा नहीं जीत पाएंगे. जनता रिजेक्ट कर देगी. पायलट ने कहा कि वक्त की दरकार के मुताबिक बदलाव जरुरी है.
पायलट बोले- मैंने वैभव की टिकट के लिये सिफारिश की थी
सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के एक बयान पर पलटवार करते हुए तीखा हमला बोला. पायलट ने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में सोनिया गांधी और राहुल गांधी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को टिकट नहीं देना चाहते थे. उसकी वजह ये थी कि एक तो जोधपुर सीट से पैनल में वैभव गहलोत का सिंगल नाम था दूसरा वे मुख्यमंत्री के बेटे थे. पायलट ने कहा कि अशोक गहलोत तब नये नये सीएम बने थे. गहलोत का मनोबल बढ़ाने के लिए मैंने सोनिया गांधी और राहुल गांधी के सामने वैभव गहलोत को टिकट देने की पैरवी की. उसके बाद वैभव को टिकट मिला.
वैभव गहलोत जोधपुर सीट से बड़े अंतर से चुनाव हारे
पायलट ने फिर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर तंज कसा कि वैभव गहलोत जोधपुर सीट से बड़े अंतर से चुनाव हारे जबकि तब के मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे लोकसभा का चुनाव जीते. एमपी में कांग्रेस ने इकलौती सीट कमलनाथ के बेटे की जीती थी. जबकि राजस्थान में सभी 25 सीटों पर कांग्रेस हारी थी. तब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत वैभव गहलोत के लिए वोट मांगने के लिए जोधपुर में गली गली घूमे थे. गहलोत समेत सरकार के कई मंत्रियों ने जोधपुर में डेरा डाला था.
अगर हॉल पुराना हो गया तो बदलना चाहिए
दरअसल पायलट इस बयान के जरिये दिखाना चाहते हैं कि अगर गहलोत लोकप्रिय नेता होते बेटा वैभव गहलोत चुनाव नहीं हारता. पायलट जब कार्यक्रम में भाषणा दे रहे थे तब भी महारानी कॉलेज के हॉल के बहाने तंज कसा कि अगर हॉल पुराना हो गया तो बदलना चाहिए. पांच राज्यों के चुनाव नतीजे से अब तक चुपे बैठे पायलट आज खुलकर मैदान में आ गए. कार्यक्रम में पायलट के साथ उनके तीन समर्थक विधायक भी थे.
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