पीएचडी की समयावधि में शिथिलता देगा संस्कृत विश्वविद्यालय | Jagadguru Ramanandacharya Rajasthan Sanskrit University#PHD
Jagadguru Ramanandacharya Rajasthan Sanskrit University ने पीएचडी व एमफिल कर रहे शोधार्थियों को बड़ी राहत दी है।
जयपुर
Published: December 28, 2021 07:33:12 pm
पीएचडी की समयावधि में शिथिलता देगा संस्कृत विश्वविद्यालय जगद्गुरु रामानंदाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय ने पीएचडी व एमफिल कर रहे शोधार्थियों को बड़ी राहत दी है। कुलपति डॉ. अनुला मौर्य के निर्देश पर विश्वविद्यालय के अनुसंधान केंद्र ने एक आदेश जारी कर शोधार्थियों को छह महीने की छूट देने का आदेश प्रसारित किया है। अनुसंधान केंद्र के निदेशक डॉ. माताप्रसाद शर्मा ने बताया कि यूजीसी द्वारा जारी गाइडलाइन को विश्वविद्यालय में लागू कर दिया गया है, जिससे अब शोधार्थी को थीसि स जमा करवाने के लिए छह महीने की छूट दी जाएगी। उधर, पीएचडी में प्रवेश के लिए 31 दिसंबर तक आवेदन किया जा सकेगा।
पीएचडी की समयावधि में शिथिलता देगा संस्कृत विश्वविद्यालय
राजकीय महाविद्यालय, बीदासर श्री सांवरलाल सुशीला देवी सुथार के नाम
जयपुर, 28 दिसम्बर। राज्य सरकार ने आदेश जारी कर ’’राजकीय महाविद्यालय, बीदासर’’ का नामकरण ’’श्री सांवरलाल सुशीला देवी सुथार राजकीय महाविद्यालय, बीदासर’’ किया है। एक जनवरी से सूचना सहायकों ने की आंदोलन की घोषणा,
राजपत्रित अवकाशों में नहीं करेंगे वीसी
जयपुर। सूचना सहायकों ने प्रदेश में एक जनवरी से आंदोलन की घोषणा की हैै। मांगे नहीं माने जाने पर एक जनवरी से राजपत्रित अवकाशों में वीडियो कांफ्रेंस नहीं करने की चेतावनी दी है।
राजस्थान अधीनस्थ कंप्यूटर कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष कपिल चौधरी ने बताया कि संगठन की मांगों पर विभागीय कमेटी से 30 सितंबर को को लिखित समझौता हुआ था। निस्तारण के लिए दो से तीन सप्ताह का समय मांगा गया था। लेकिन तीन माह होने के बाद भी आदेश जारी नहीं होने से कार्मिकों में रोष व्याप्त है। प्रदेश महासचिव गौरव गुप्ता ने बताया कि निर्णय के अनुसार शनिवार, रविवार और राजपत्रित अवकाशों में होने वाली वीसी नहींस करवाई जाएगी।
कोरोनाकाल से प्रदेश में सभी कार्य वीसी के माध्यम से ही संचालित हो रहे हैं। दूरदराज ब्लॉक में कार्मिकों को अवकाश के दिन भी वीसी कराने जाना पड़ता है। इस अवकाश के एवज में डे— ऑफ के आदेश जारी करने सहित सात सूत्रीय मांगों पर विभागीय कमेटी से लिखित में समझौता हुआ था। इस पर कार्यवाही नहीं की गई।
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