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पीतांबर, पैठनी, उद्देश्य और पृथ्वी: रिलायंस ने क्राफ्ट, सस्टेनेबिलिटी और सशक्तिकरण के माध्यम से मनाई गणेश चतुर्थी

हाइलाइट्स

रिलायंस का काम हमेशा लोग, पृथ्वी और उद्देश्य के इर्द-गिर्द घूमता है.
इस साल यहां गणेश चतुर्थी समारोह इन स्तंभों का प्रतीक है.
समारोह के लिए पुष्प और डिजाइन तत्व को सोच-समझकर चुना गया है.

मुंबई: रिलायंस का काम हमेशा लोग, पृथ्वी और उद्देश्य के इर्द-गिर्द घूमता है. इस साल यहां गणेश चतुर्थी समारोह इन स्तंभों का प्रतीक है. पोशाक से सजावट तक, तकनीक से लेकर कपड़े और पुष्प तक. हर तत्व क्राफ्ट, सस्टेनेबिलिटी और सशक्तिकरण से प्रेरित है.

उद्देश्य: ‘मेक इन इंडिया’ की भावना का जश्न मनाना
महाराष्ट्र की सांस्कृतिक विरासत को सम्मान, सजावट और डिजाइन का केंद्र पैठनी के इर्द-गिर्द घूमता है. इस प्रसिद्ध भारतीय कला का अभ्यास पारंपरिक भारतीय कारीगरों द्वारा किया जाता रहा है जिन्होंने पीढ़ी दर पीढ़ी अपने कौशल में सुधार किया है और उसे आगे बढ़ाया है. इस साल के गणपति के लिए, पैठनी में पाए जाने वाले पारंपरिक वनस्पतियों और जीवों के रूपांकनों को विभिन्न भारतीय शिल्पों के माध्यम से तैयार किया गया है. लखनऊ की जरदोजी हाथ की कढ़ाई से लेकर ओडिशा की हाथ से बनी कागज चराई (पेपर माचे) तक, पूरी जगह भारतीय शिल्प की छटा दिखती है.

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लोग: लोगों को सशक्त बनाना और आजीविका कायम रखना
मूषक, मोदक, हाथी, ऊंट और बारासिंघा की विशेषता वाली गणपति की बारात 700 से अधिक वंचित महिलाओं द्वारा प्यार से बनाई गई है. पूर्णता से तैयार किए गए, इन खिलौनों ने वंचित पृष्ठभूमि की महिलाओं को सक्षम, रोजगारपरक और सशक्त बनाया है.

यह उत्सव न केवल रिलायंस के लोगों के घरों में बल्कि देश भर के अनगिनत शिल्पकारों के जीवन में भी खुशियां लाता है. 400 से अधिक कारीगरों ने फूलों को चिपकाने की प्राचीन कला का उपयोग करके मूर्ति के पीछे की फूलों की दीवार को सावधानीपूर्वक सजाया है.

बत्तीस गजानन गलियारा खड़े पैनलों पर भगवान गणेश के 32 रूपों से सुशोभित है, प्रत्येक में पैठनी रूपांकनों को फिर से दर्शाया गया है. इस प्रयास में भगवाण गणेश की पौराणिक कथाओं, महत्व और दैवीय चमत्कारों की कहानियां सुनाने वाले वस्त्रों को डिजाइन करने और बनाने के लिए 900 से अधिक हाथ की कढ़ाई करने वालों और 5,000 से अधिक घंटों की आवश्यकता हुई.

पांच लाख से अधिक घुंघरूओं की टेपेस्ट्री (कपड़ा जिसमें चित्र बने हो) बुनी गई और पूरे क्षेत्र में रखी गई. इन घुंघरुओं की झनकार के साथ बप्पा के स्वागत ने उत्सव में शांति और सकारात्मकता की आभा जोड़ दी है.

पृथ्वी: धरती माता के लिए सम्मान
इस साल रिलायंस की गणेश चतुर्थी सजावट भी संसाधनशीलता और अपशिष्ट प्रबंधन की कहानी बताती है, जहां प्रत्येक कपड़ा, पुष्प और डिजाइन तत्व को सोच-समझकर चुना गया है. गणेश के आगमन का जश्न मनाने वाले खिलौने और लटकन बनाने के लिए सैकड़ों स्क्रैप कपड़ों का पुन: उपयोग किया गया. इन मूषक और मोदक खिलौनों को फूलों और कपड़ों से घिरे रिसाइकल किए हुए PVC पाइपों पर रखा गया है.

आयोजन में उपयोग किए गए सभी प्राकृतिक फूलों को रिसाइकल किया जाएगा और पौधों के लिए खाद और मंदिरों के लिए अगरबत्तियां बनाने के लिए पुन: उपयोग किया जाएगा. सभी जगह केवल स्थायी रूप से प्राप्त प्राकृतिक रेशम, कपास और वस्त्रों का ही उपयोग किया गया है.

(डिस्क्लेमर– नेटवर्क18 और टीवी18 कंपनियां चैनल/वेबसाइट का संचालन करती हैं, जिनका नियंत्रण इंडिपेंडेट मीडिया ट्रस्ट करता है, जिसमें रिलायंस इंडस्ट्रीज एकमात्र लाभार्थी है.)

Tags: Ganesh Chaturthi, Reliance

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