पुतिन ने जंग में उतारा अपना ‘बाहुबली’’, NATO इसे दे चुका है ‘दैत्य’ का नाम, कितना खतरनाक है रूस का यह हथियार?
नई दिल्ली. युक्रेन युद्ध के बीच अमेरिका सहित अन्य पश्चिमी देशों से मिल रही लगाता धमकियों को देखते हुए रूस ने अपने बाहुबली हथियार को मैदान में उतरा दिया है. रूस ने सरमत इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) सिस्टम की तैनाती बॉर्डर एरिया में कर दी है. राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के इस कदम को गेम-चेंजर माना जा रहा है. रूस की स्पेस एजेंसी रोस्कोस्मोस के प्रमुख यूरी बोरिसोव की तरफ से यह जानकारी दी गई है.
रूस का यह बाहुबली हथियार प्रमाणु बम हमले की क्षमता भी रखता है. सरमत मिसाइल सिस्टम का एक मुख्य आकर्षण इसका छोटा प्रारंभिक प्रक्षेपण चरण है, जो निगरानी प्रणालियों को इसके प्रक्षेप पथ को ट्रैक करने के लिए न्यूनतम समय देता है. यह डिफेंस सिस्टम के लिए अवरोधन को विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण बना देती है. विरोधी देश के लिए इसके हमले को रोक पाना अचूक जैसा हो जाता है.
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एक साथ 15 प्रमाणु हमले करने में सक्षम
स्पुतनिक न्यूज के अनुसार, आरएस-28 सरमत रूस का अगली पीढ़ी का इंटर इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल सिस्टम है, जो देश की सिलो आधारित रणनीतिक बचाव के लिए रीढ़ बनने के लिए तैयार है. इसकी प्रभावशाली शक्ति को देखते हुए यह दुनिया की सबसे घातक प्रमाणु मिसाइल में से एक है. यह बैलिस्टिक मिसाइल प्रणाली 15 परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है और इसका उद्देश्य आर-36 आईसीबीएम को प्रतिस्थापित करना है. नाटो देशों में इसे अग्रेजी के शब्द SATAN के नाम से जाना जाता है, जिसका हिन्दी में मतलब दैत्य व शैतान होता है.
युक्रेन जंग को शुरू हुए डेढ़ साल का वक्त बीत चुका है. भले ही युक्रेन की स्थिति इस वक्त काफी खराब हो लेकिन रूस ने भी युद्ध के दौरान काफी कुछ गंवाया है. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कुछ दिन पहले ही यह कहा था कि इस मिसाइल सिस्टम को डिफेंस के लिए लगाया जाएगा ताकि विरोधी देश हमला करने से पहले चार बार सोंचे.
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FIRST PUBLISHED : September 05, 2023, 11:26 IST