पूरे शहर में इस समाज के मात्र 15 लोग करवाते हैं नारायण बली, निभा रहे पुरानी परंपरा
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निखिल स्वामी/बीकानेर. बीकानेर अपनी प्राचीन संस्कृति और परंपराओं से जाना जाता है. इस शहर में एक ऐसी परंपरा है जो आदिकाल से लेकर आज भी चली आ रही है. यह परंपरा है नारायण बली की. यह महत्वपूर्ण परंपरा व्यक्ति की मृत्यु के 11वें दिन निभाई जाती है. इस नारायणबली परंपरा को सिर्फ श्रीमाली समाज के लोग ही करवाते हैं.
ऐसे में बीकानेर में इस समाज के मात्र 15 लोग ही नारायण बली की परंपरा को निभाते आ रहे हैं. बीकानेर शहर व इसके आसपास के गावों तक भी इस समाज के लोग ही नारायण बली की परंपरा करवाते हैं. बीकानेर में रोजाना नारायण बली की परंपरा का निर्वहन करवाया जाता है.
पंडित, संजय श्रीमाली ने बताया कि अगर किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो मृत्यु के बाद 11वें दिन नारायण बली पूजा करवाई जाती है. समाज के 15 लोग रोजाना नारायण बली की परंपरा का निर्वहन करते हैं. ऐसे में माह में रोजाना एक व्यक्ति नारायण बली करवाता है. इस नारायण बली में पूरे चार घंटे का समय लगता है. यह प्रथा सुबह पूरी की जाती है.
बहुत पुरानी है परंपरा
श्रीमाली ने बताया कि गरुड़ पुराण के अनुसार मृत्यु के ग्यारहवें दिन नारायण बली पूजा करवाने से मृतक को मोक्ष प्राप्त होता है. उसकी आत्मा पृथ्वी पर न रहकर श्री चरणों में चली जाती है. इस कर्म के लिए श्रीमाली जाति के ब्राह्मण करवाते हैं. माना जाता है कि बीकानेर के राजाओं ने इन श्रीमाली ब्राह्मण को इसी कर्म करवाने के लिए यहां बुलाया था. इस कर्म में मुख्य रूप से अलग से शालिग्राम पूजन के साथ- 2 पिंडदान, विष्णुतर्पण, वर्षोत्सर्ग, हवन आदि करवाया जाता है. अकाल मृत्यु होने पर नारायण बली करवाने का विशेष प्रावधान है.
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FIRST PUBLISHED : July 19, 2023, 22:12 IST