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पैरों में सिहरन और झनझनहाट भी हो सकती है कई बीमारियों की वजह, हल्का लक्षण मानकर न करें नजरअंदाज

Tingling Sensation: पैरों में सिहरन या झनझनाहट के लिए मुख्य रूप से जब आप गलत तरीके से सो रहे होते हैं या बैठ रहे होते हैं, जैसे कारक जिम्मेदार होते हैं. इसके लिए बहुत खतरे की बात नहीं है. लेकिन कुछ लोगों को अक्सर पैरों में सिहरन या झनझनाहट महसूस होती है. इसके लिए नर्व में समस्याओं से लेकर विटामिन की कमी भी जिम्मेदार हो सकती है. जिन लोगों को डायबिटीज है, उन्हें भी अक्सर हाथ और पैरों में झनझनाहट होती रहती है. इस तरह देखा जाए तो हाथ या पैरों में झनझनाहट के कई कारण हैं और कई बीमारियों की ओर इशारा भी है. हालांकि हाथ या पैरों में झनझनाहट क्षणिक होता है, कुछ देर में अपने आप चला भी जाता है लेकिन जितनी देर रहता है, वह बेहद असहज स्थिति वाली समस्या है. अगर यह ज्यादा हो तो इसे हल्का न समझें. इस स्थिति में कई जांच के माध्यम से पता चलेगा कि इसका वास्तविक कारण क्या है.

ये बीमारियां हो सकते हैं झनझनाहट के कारण

1. विटामिन की कमी- मेडिकल न्यूज टूडे के मुताबिक कई विटामिनों के कारण पैरों में सिहरन या झनझनाहट हो सकता है. इसके लिए विटामिन ई, बी-1, बी-6, बी 12 जैसे विटामिनों की कमी जिम्मेदार हो सकती है. शरीर को जब इन जरूरी पोषक तत्व की कमी होती है तब नसों में कमजोरी आने लगती है जिससे झुनझुनी या झनझनाहट महसूस होती है.

2. किडनी की समस्या –किडनी खून से अच्छी चीजों को छानकर शरीर को वापस कर देती है जबकि बुरी चीजों को शरीर से बाहर निकाल देती है. किडनी का फंक्शन जब कमजोर होता है तो इससे कई हानिकारक केमिकल नर्व को डैमेज करने लगते हैं जिसके कारण हाथ और पैरों में झनझनाहट हो सकती है.

3. डायबिटीज होने पर-जिन लोगों को डायबिटीज की बीमारी है, उन लोगों को अक्सर हाथ और पैरों में सिहरन और झनझनाहट होती रहती है. इसका कारण यह है कि कार्बोहाइड्रैट की मात्रा ब्लड वैसल्स में बढ़ने लगती है जिससे नर्व्स कमजोर होने लगते हैं और इस कारण हाथ और पैरों में झनझनाहट होती है.

4. दवाओं का असर-यदि कोई कैंसर, एड्स, एचआईवी, मिर्गी, हार्ट डिजीज, हाई ब्लड प्रेशर की दवाइयां खा रहा है तो इस स्थिति में भी हाथ और पैरों में झनझनाहट हो सकती है.

5. इंफेक्शन में-यदि इंफेक्शन से संबंधित बीमारियां है तो भी हाथ-पैरों में झनझनाहट हो सकती है. एड्स, हेपटाइटिस बी, हेंसन डिजीज, शिंगल्स, लाइम डिजीज, एचआईवी जैसे इंफेक्शन में सिहरन और झनझनाहट हो सकता है.

6. प्रेग्नेंसी में-प्रेग्नेंट महिलाओं में अक्सर पैरों में झनझनाहट होती है. जब गर्भाशय का आकार बढ़ता है तब नर्व्स पर प्रेशर बढ़ता है. इससे पैरों में झुनझुनी या झनझनाहट अक्सर होने लगती है.

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Tags: Health, Health tips, Lifestyle, Trending news

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