फ्रांस का ऐतिहासिक कदम, बना गर्भपात को संवैधानिक अधिकार घोषित करने वाला पहला देश

फ्रांस (France) में सोमवार, 4 मार्च का दिन इतिहास में रच गया है। इस दिन देश में कुछ ऐसा हुआ जो पहले कभी भी और कहीं नहीं हुआ। फ्रांस में एक ऐतिहासिक फैसला लिया गया है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों (Emmanuel Macron) के नेतृत्व में फ्रेंच संसद के दोनों सदनों के विशेष सत्र में यह ऐतिहासिक फैसला लिया गया। फ्रांस के सांसदों ने 1958 के संविधान में संशोधन करते हुए गर्भपात को महिलाओं के लिए संवैधानिक अधिकार घोषित कर दिया।
बना दुनिया का पहला देश
गर्भपात को महिलाओं के लिए संवैधानिक अधिकार घोषित करते हुए फ्रांस ऐसा करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। दुनिया के और किसी भी देश में गर्भपात को संवैधानिक अधिकार का दर्जा नहीं दिया गया है।
वोटिंग के ज़रिए लिया गया फैसला
फ्रांस की संसद में 1958 के संविधान में संशोधन करते हुए गर्भपात को महिलाओं के लिए संवैधानिक अधिकार घोषित करने के लिए वोटिंग हुई। इस संविधान संशोधन के पक्ष में 780 और विरोध में सिर्फ 72 वोट पड़े। ऐसे में संविधान में संशोधन आसानी से हो गया।
महिलाओं को अपने लिए इस फैसले को लेने की होगी पूरी आज़ादी
फ्रांस में संविधान संशोधन के ज़रिए गर्भपात को महिलाओं के लिए संवैधानिक अधिकार घोषित करने का मकसद महिलाओं को अपने लिए इस फैसले को लेने की पूरी आज़ादी देना है। दुनिया में कई देश ऐसे हैं जहाँ गर्भपात को अपराध माना जाता है और इस पर रोक लगी हुई है। कुछ विकसित देशों में भी कई जगहों पर गर्भपात को मंज़ूरी नहीं दी गई है। कई देश ऐसे भी हैं जहाँ गर्भपात को गलत नहीं माना जाता है। लेकिन इसे महिलाओं के संवैधानिक अधिकार के रूप में दर्जा सिर्फ फ्रांस में ही दिया गया है।
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