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बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा चुनाव का दंगल, निर्दलीय रविन्द्र सिंह भाटी ने रोचक बनाया मुकाबला, जानें वजह

बाड़मेर. राजस्थान की बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट का चुनाव इस बार प्रदेश की सबसे बड़ी हॉट सीट बनी हुई है. बाड़मेर-जैसलमेर राजस्थान की एक मात्र सीट ऐसी है, जहां मुकाबला त्रिकोणीय हो चुका है. वहां शिव विधायक रविन्द्र सिंह भाटी ने निर्दलीय के तौर पर ताल ठोक कर मुकाबले को रोचक बना दिया है. भाटी के चुनाव लड़ने से बीजेपी और कांग्रेस दोनों की राह कठिन होती जा रही है. बीजेपी ने यहां केन्द्रीय मंत्री कैलाश चौधरी और कांग्रेस ने उम्मेदाराम को चुनाव मैदान में उतार रखा है.

बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा क्षेत्र में कुल आठ विधानसभा क्षेत्र आते हैं. पहले इसमें दो ही जिले बाड़मेर और जैसलमेर शामिल थे. अब बालोतरा बाड़मेर से अलग होकर नया जिला बन गया है, लेकिन वह अभी है इसकी लोकसभा क्षेत्र में. इसके कारण अब यह तीन जिलों की लोकसभा सीट हो गई है,. इस लोकसभा सीट में बाड़मेर और बालोतरा जिले की सात और जैसलमेर की एक सीट शामिल है. इस पूरे लोकसभा क्षेत्र में 22,06, 237 मतदाता हैं. लोकसभा क्षेत्र में 11,76, 975 पुरुष मतदाता हैं. वहीं 10,29,253 महिला मतदाता हैं.

सबसे अधिक मतदाता चौहटन विधानसभा क्षेत्र में है
लोकसभा क्षेत्र में सबसे अधिक मतदाता सीमावर्ती चौहटन विधानसभा क्षेत्र में है. वहां 3,12, 546 वोटर हैं. उसके बाद शिव विधानसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा 3,05, 614 मतदाता हैं. इनके अलावा जैसलमेर विधानसभा क्षेत्र में 2,56,602 मतदाता हैं. बाड़मेर विधानसभा क्षेत्र में 2,68,578, बायतु में 2,55,468 पचपदरा में 2,56,899, सिवाना में 2,78,132 और गुड़ामालानी विधानसभा क्षेत्र में 2,72, 398 मतदाता हैं.

भाटी ने फुलाई बीजेपी-कांग्रेस की सांसें
26 वर्षीय युवा विधायक रविन्द्र सिंह भाटी के चुनावी मैदान में आने से दोनों राष्ट्रीय पार्टियों की सांसें फूली हुई हैं. दोनों के निशाने पर आज की तारीख में रविन्द्र सिंह भाटी हैं. भाटी को घेरने के लिए दोनों पार्टियां पूरा जोर लगा रही है. लेकिन भाटी की रैलियों में उमड़ रही भीड़ ने उनको चिंता में डाल रखा है. भाटी ने हाल ही में शिव विधानसभा क्षेत्र से बतौर निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव लड़ा था. वहां उन्होंने बीजेपी कांग्रेस को पछाड़कर अपनी जीत दर्ज कराई थी.

युवाओं के आइकॉन बने हुए हैं भाटी
दरअसल रविन्द्र सिंह भाटी इलाके में फिलहाल युवाओं के आइकॉन बने हुए हैं. उनकी चुनावी सभाओं में उमड़ रही भीड़ ने सभी राजनीतिक पार्टियों के लिए परेशानी खड़ी कर दी है. हर कोई इस भीड़ का देखकर हैरान हो रहा है. यह युवा लड़ाका जहां-जहां पहुंच रहा है वहां-वहां भीड़ रिकॉर्ड तोड़ रही है. भाटी जोधपुर विश्वविद्यालय के छात्रसंघ अध्यक्ष भी निर्दलीय चुनाव लड़कर जीते थे.

जीत के सबके अपने-अपने हैं दावे
बीजेपी जहां पीएम मोदी के 10 साल के कार्यकाल में हुए विकास कार्यों को लेकर चुनाव मैदान में ताल ठोक रही है. वहीं कांग्रेस मूल वोट बैंक के सहारे जीत का दावा कर रही है. इसके साथ ही उसे जाट वोट बैंक के भी उसके पक्ष में आने की संभावना दिख रही है. इसके पीछे बड़ी वजह हनुमान बनीवाल की आरएलपी को छोड़कर उनके खेमे में आए उम्मेदाराम बताए जा रहे हैं. कांग्रेस ने यहां उम्मेदारा पर ही इस बार दांव लगाया है. भाटी बाड़मेर-जैसलमेर की जनता के बेटा बताकर चुनाव मैदान में डटे हैं.

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