Rajasthan

बाड़मेर को केंद्र की बड़ी सौगात, 2 करोड़ 61 लाख में बनेगा प्रोसेसिंग यूनिट और इंक्यूबेशन सेंटर

केंद्र ने कृषि विज्ञान केन्द्र दांता को 2 करोड़ 61 लाख रुपये की स्वीकृति प्रदान की है.

केंद्र ने कृषि विज्ञान केन्द्र दांता को 2 करोड़ 61 लाख रुपये की स्वीकृति प्रदान की है.

साल भर के भीतर बाजरे का देश का पहला प्रोसेसिंग यूनिट और इंक्यूबेशन सेंटर सरहदी बाड़मेर में स्थापित हो जाएगा. इसके लिए केन्द्र सरकार ने श्योर कृषि विज्ञान केन्द्र दांता को 2 करोड़ 61 लाख रुपये की स्वीकृति प्रदान की है.

बाड़मेर. सरहदी किसानों के चेहरों पर अब दोगुनी मुस्कान नजर आएगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) का किसानों की आय (farmers income) दोगुनी करने का सपना अब मरुधरा में भी साकार होने लगेगा. साल भर के भीतर बाजरे का देश का पहला प्रोसेसिंग यूनिट (processing unit) और इंक्यूबेशन सेंटर सरहदी (incubation center) बाड़मेर (Barmer) में स्थापित हो जाएगा. इसके लिए केन्द्र सरकार (Central Government) ने श्योर कृषि विज्ञान केन्द्र दांता (Shure Agronomy Center Danta) को 2 करोड़ 61 लाख रुपये की स्वीकृति प्रदान की है. केंद्र ने यह राशि कोटा और बाड़मेर में दो सेंटरों के लिए स्वीकृत की है. इनके निर्माण का कार्य अब तेजी से शुरू होगा. अब वह दिन दूर नही जब बाड़मेर का बाजरा विश्व पटल पर छाया हुआ नजर आएगा. इन्क्यूबेशन सेंटर बनने से बाजरा, जीरा और अनार के उत्पादन से किसान बेहतर आय ले पाएंगे.

मारवाड़ के लघु उद्यमी भी उठा सकेंगे लाभ

श्योर कृषि विज्ञान केंद्र दांता के कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर विनय कुमार सिंह बताते हैं कि सरहदी बाड़मेर जिले में बाजरे का लगभग 9. 50 लाख हेक्टेयर, जीरे का 1.5 और अनार 7500 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल है, जिसके उत्पादन से अरबों रुपयों की आमदनी होती है. लेकिन यह आमदनी जिले के किसानों को कम मिल पाती है और पड़ोसी राज्यों के व्यापारी हर साल अच्छा लाभ कमा कर ले जाते हैं. इंक्यूबेशन सेंटर के उत्पादों की गुणवत्ता की जांच के लिए फूड टेस्टिंग लैब की स्थापना की जाएगी, जिसका लाभ मारवाड़ के लघु उद्यमी भी उठा सकते हैं.

उत्पाद की खपत के लिए बाजार भी होगा उपलब्धइंक्यूबेशन सेंटर में जीरे की क्लीनिंग, ग्रेडिंग और पैकेजिंग, अनार से जेली, अनार दाना निकालना और जूस निर्माण का काम होगा. साथ ही बाजरे के आटे के कई उत्पाद भी यहां बनाए जाएंगे. इस इन्क्यूबेशन सेंटर के खुलने से लघु प्रसंस्करण उद्यमियों, नए इन्क्यूबिटीज नवचारियों को अब नए उद्योग लगाने में मदद मिलेगी. इस सेंटर में न केवल उद्यमिता विकास के लिए कृषकों, महिलाओं, उद्यमियों व किसान उत्पादक संघों को खाद्य प्रसंस्करण पर कौशल विकास प्रशिक्षण दिया जाएगा बल्कि उन्हें अपने उत्पाद की खपत के लिए बाजार भी उपलब्ध करवाया जाएगा.





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