गुड़ को संस्कृत भाषा में क्या कहा जाता है? आयुर्वेद में माना गया है अमृत समान, फायदे कर देंगे हैरान

Last Updated:March 11, 2025, 18:27 IST
Jaggery Health Benefits: आयुर्वेद में गुड़ को सेहत के लिए वरदान माना गया है. गुड़ को संस्कृत भाषा में शर्करा, गुडं और गौड़ः कहा जाता है. गुड़ गन्ने के रस से बनाया जाता है और चीनी के मुकाबले सेहत के लिए ज्यादा ल…और पढ़ें
गुड़ का आयुर्वेद में विशेष स्थान है.
हाइलाइट्स
गुड़ को संस्कृत में शर्करा, गुडं और गौड़ः कहते हैं.आयुर्वेद में गुड़ को स्वास्थ्य के लिए वरदान माना गया है.गुड़ पाचन तंत्र को सुधारने और खून को शुद्ध करने में मदद करता है.
Jaggery Name in Sanskrit: गुड़ का इस्तेमाल खाने पीने में सदियों से होता रहा है. यह खाने में मीठा होता है और सेहत के लिए भी फायदेमंद होता है. गुड़ को अंग्रेजी में जैगरी कहा जाता है. क्या आप जानते हैं कि संस्कृत में गुड़ को क्या कहते हैं? जानकारों की मानें तो गुड़ को संस्कृत में गुडं, गौड़ः और शर्करा कहा जाता है. आयुर्वेद के अनुसार गुड़ का सेवन कई स्वास्थ्य समस्याओं से बचाव और इलाज के रूप में किया जाता है. यह एक प्राकृतिक पदार्थ है, जो शरीर के भीतर ताजगी, एनर्जी और स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने में मददगार हो सकता है. रोज गुड़ खाने से कई परेशानियों से राहत मिल सकती है.
यूपी के हाथरस स्थित प्रेम रघु आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. सरोज गौतम ने को बताया कि आयुर्वेद में गुड़ को रासायनिक तत्वों और खनिजों का समृद्ध स्रोत माना गया है. यह शरीर में “पित्त” और “वात” को संतुलित करता है और शरीर को ठंडक प्रदान करता है. आयुर्वेदिक ग्रंथों में गुड़ को शरीर के अंदर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने के रूप में देखा गया है. यह खून को शुद्ध करने, पाचन प्रक्रिया को सुधारने और शरीर से अतिरिक्त गर्मी को बाहर निकालने में मदद करता है. आयुर्वेद के अनुसार गुड़ के सेवन से शरीर में प्राकृतिक संतुलन बनाए रखा जा सकता है.
आयुर्वेदिक डॉक्टर के अनुसार गुड़ का सेवन पाचन तंत्र के लिए अत्यधिक फायदेमंद है. यह पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है, आंतों को सक्रिय करता है और पेट के भीतर गंदगी और विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है. आयुर्वेद के अनुसार गुड़ को खाने से पेट की समस्याएं जैसे गैस, सूजन और कब्ज़ में राहत मिलती है. यह आंतों के सामान्य कार्य को सुचारु बनाता है और भोजन को ठीक से पचाने में मदद करता है. आयुर्वेद में इसे पाचन तंत्र को साफ और स्वस्थ रखने के लिए एक उत्तम आहार माना गया है.
गुड़ आयरन से भरपूर होता है, जो शरीर में खून की कमी यानी एनीमिया को दूर करने में मदद करता है. गुड़ का सेवन शरीर में खून के निर्माण की प्रक्रिया को बेहतर बनाता है. खून की कमी को दूर करने के लिए आयुर्वेद में गुड़ के साथ तिल, चना, और अदरक का सेवन करने की सलाह दी जाती है. यह शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ाता है और खून को शुद्ध करता है. गुड़ में कैल्शियम और फास्फोरस जैसे मिनरल्स भी होते हैं, जो हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं. आयुर्वेद में इसे हड्डियों को मजबूत बनाने और गठिया जैसे रोगों से बचने के लिए फायदेमंद माना जाता है. गुड़ का सेवन हड्डियों की संरचना को बेहतर बनाता है और लंबे समय तक हड्डियों के स्वास्थ्य को बनाए रखता है.
First Published :
March 11, 2025, 18:27 IST
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गुड़ को संस्कृत भाषा में क्या कहा जाता है? आयुर्वेद में माना गया है अमृत समान