Rajasthan

बीसलपुर-जयपुर पेयजल परियोजना: गहलोत के ड्रीम प्रोजेक्ट को लगा बड़ा झटका, जमीन का आवंटन हुआ रद्द

हाइलाइट्स

बीसलपुर-जयपुर पेयजल परियोजना अपडेट
पंप हादस की जमीन को लेकर फंसा काूननी पेंच
जलदाय विभाग और जेडीए देगा फैसले को चुनौती

जयपुर. राजधानी जयपुर में तीन दशक से ज्यादा समय से मूलभूत सुविधाओं को तरस रहे पृथ्वीराज नगर के रहवासियों को राहत देने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीसलपुर-जयपुर पेयजल परियोजना (Bisalpur-Jaipur Drinking Water Project) की घोषणा की थी. करीब एक हजार करोड़ रुपये की इस परियोजना का काम तेजी से चल रहा था. प्रोजेक्ट का कार्य नब्बे फीसदी हो चुका है. लेकिन अब जयपुर विकास प्राधिकरण (Jaipur Development Authority) के कारण बीसलपुर-पृथ्वीराज नगर पेयजल परियोजना का काम बंद हो गया है. जयपुर विकास प्राधिकरण ने जलदाय विभाग को पंप हाऊस बनाने के लिए जो जमीन आवंटित की थी उसका आवंटन जेडीए ने ही निरस्त कर दिया है. इसकी वजह जमीन को लेकर सामने आया कानूनी दावपेंच हैं.

जेडीए ने जयपुर के मानसरोवर के शिव विहार में करीब सात हजार वर्ग मीटर जमीन का आवंटन जलदाय विभाग को इस योजना के लिए पंप हाऊस बनाने के लिए किया था. जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के बीसलपुर जयपुर प्रोजेक्ट अधिशाषी अभियंता कैलाश गुप्ता ने बताया कि इस पंप हाऊस के लिए आवंटित जमीन पर कानूनी विवाद के कारण जयपुर विकास प्राधिकरण ने अब आवंटन निरस्त कर दिया है. इसके कारण बीसलपुर-पृथ्वीराज नगर प्रथम चरण के आधे प्रोजेक्ट का कार्य पूरी तरह से रोक दिया गया है.

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जेडीए हाईकोर्ट में ट्रिब्यूनल के फैसले को चुनौती देगा
अतिरिक्त मुख्य अभियंता रमेशचंद मीणा का कहना है कि एक किसान ने इस जमीन का पंचायत संबंधी पट्टा कोर्ट में पेशकर उस पर स्टे ले लिया है. उसके बाद जेडीए ट्रिब्यूनल ने जयपुर विकास प्राधिकरण के लिए इस जमीन के आवंटन को निरस्त कर दिया है. बाद में जयपुर विकास प्राधिकरण की ओर से जलदाय विभाग को ‌शिव विहार पंप हाऊस के लिए आवंटित करीब 6750 वर्ग मीटर जमीन का आवंटन निरस्त करना पड़ा. अब जलदाय विभाग और जयपुर विकास प्राधिकरण जेडीए ट्रिब्यूनल के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दे रहे हैं.

करोड़ों रुपये की लागत से बन गया पंप हाऊस
वहां पर जलदाय विभाग ने करोड़ों रुपये की लागत से पंप हाऊस का निर्माण कर दिया है. अकेले ‌शिव विहार पंप हाऊस के आस-पास 16 करोड़ रुपये से ज्यादा पेयजल की टंकियों, पाइप लाइन और पंप हाऊस सहित सीडब्ल्यूआर पर खर्च कर दिया गया है. शिव विहार के पंप हाऊस से पृथ्वीराज नगर की तीस फीसदी से ज्यादा आबादी को पेयजल सप्लाई होना था. शिव विहार पंप हाउस से पृथ्वीराज नगर के रहवासियों को बीसलपुर योजना से पानी सप्लाई के लिए छह पानी की बड़ी टंकियां तैयार कर दी गई हैं.

पेयजल सप्लाई लाइन भी बिछा दी गई
यहीं नहीं इस इलाके की साठ हजार से ज्यादा आबादी के लिए पेयजल सप्लाई लाइन भी बिछा दी गई है. शिव विहार पंप हाऊस से बीसलपुर योजना की सप्लाई से आधे से ज्यादा पृथ्वीराज नगर इलाके में पेयजल सप्लाई होनी है. इस पंप हाऊस से नारायाण विहार का पूरा क्षेत्र, नारायण विहार के आस-पास की 17 कॉलोनियां, पूरा मांग्यावास क्षेत्र, शिव विहार से न्यू सांगानेर के बीच की पूरी आबादी, वीटी रोड़ के पूरे क्षेत्र के लिए पेयजल की योजना पर ब्रेक लग गया है.

पेयजल सप्लाई का काम रुका
जलदाय विभाग के इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट पर निर्माण कार्य करने वाली फर्म इंडियन ह्युमन पाइप और जीसीकेसी के प्रोजेक्ट मैनेजर देवेन्द्र सैनी का कहना है की इस पंप हाऊस से अशोक वाटिका टंकी से मांग्यावास से मानसरोवर मैट्रो स्टेशन तक, गोपालपुरा बाईपास रोड़ से विजय नगर और अजमेर रोड़ 200 फीट बाइपास रोड़ के पूरे इलाके में बसी आबादी को पेयजल सप्लाई का काम रुक गया है.

कंपनी पर संकट की तलवार लटकी
सीएम के इस ड्रीम प्रोजेक्ट का काम पहले ही कोरोना संक्रमण के कारण एक साल की देरी से चल रहा था. इसे बीते वर्ष से ही शुरू किया जाना था. लेकिन अब जेडीए की ओर से जमीन का आवंटन रद्द करने से मुख्यमंत्री का ये ड्रीम प्रोजेक्ट पानी में डूबता हुआ नजर आ रहा है. इधर जयपुर विकास प्राधिकरण की लापरवाही से इस प्रोजेक्ट का कार्य करने वाली कंपनी पर संकट की तलवार लटक गई है.

Tags: Ashok Gehlot Government, Jaipur news, Phed projects, Rajasthan news

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