राजस्थान: पंजाब से नहरों में आ रहा जहरीला पानी, जानिये क्यों हो रहा है ऐसा, गहलोत सरकार ने क्या उठाया कदम ?


पंजाब के लुधियाना शहर के बुडढ़ा नाला तथा जालंधर, नकोदर एवं फगवाड़ा के सीवरेज और औद्योगिक अपशिष्ट के प्रवाह के कारण इंदिरा गांधी नहर में प्रदूषित जल की समस्या आती है. (सांकेतिक तस्वीर)
Poisonous water in canals: राजस्थान में नहरों में पंजाब से आ रहे प्रदूषित पानी की समस्या को देखते हुये प्रदेश की गहलोत सरकार ने पंजाब सरकार की वार्ता की है. राज्य के मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने पंजाब के सीएस को कहा कि वे एक्शन प्लान के अनुरूप काम करें.
जयपुर. राजस्थान में पंजाब से आ रहे जहरीले पानी (Poisonous water) की समस्या को लेकर राज्य की गहलोत सरकार (Gehlot government) ने चिंता जताई है. मुख्य सचिव निरजंन आर्य ने इन्दिरा गांधी नहर, गंगनहर एवं भाखड़ा सिंचाई प्रणाली में पंजाब से आ रहे दूषित जल के प्रवाह को रोकने के लिए वहां के मुख्य सचिव से वार्ता कर उनको राज्य की चिंताओं से अवगत कराया है. मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने सीएम अशोक गहलोत के निर्देश पर पंजाब के अधिकारियों से वार्ता की है.
मुख्य सचिव ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के दिशा-निर्देशों का हवाला देते हुए पंजाब के अधिकारियों से इस मामले में उचित कार्रवाई कर प्रदूषण रोकने के लिए प्रभावी निगरानी तंत्र विकसित करने का अनुरोध किया है. मुख्य सचिव ने पंजाब के मुख्य सचिव को बताया कि शोभा सिंह बनाम पंजाब सरकार प्रकरण में एनजीटी ने 20 जनवरी 2021 को पंजाब सरकार को सतलज एवं ब्यास नदियों में प्रदूषण की रोकथाम के लिए सख्त और प्रभावी कदम उठाने के लिए आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिये निर्देश दे रखे हैं.
एक्शन प्लान के अनुरूप काम करें पंजाब
मुख्य सचिव आर्य ने कहा पंजाब इस संबंध में बनाए गए एक्शन प्लान के अनुरूप जल्द से जल्द कार्य पूर्ण कराने का प्रयास करे. पंजाब के लुधियाना शहर के बुडढ़ा नाला तथा जालंधर, नकोदर एवं फगवाड़ा के सीवरेज और औद्योगिक अपशिष्ट के प्रवाह के कारण इंदिरा गांधी नहर में प्रदूषित जल की समस्या आती है. पंजाब प्रदूषण नियंत्रण मण्डल ने केन्द्रीय प्रदूषण मण्डल को इस समस्या के समाधान के लिए एक्शन प्लान तैयार कर दिया हुआ है.इसलिये आता है प्रदूषित पानी
पंजाब के अधिकारियों ने बताया कि नहरबंदी के दौरान रोपड हैडवर्क्स से दिए जाने वाले पानी की मात्रा लगभग नगण्य होती है. इस दौरान औद्योगिक अपशिष्ट एवं सीवरेज का पानी नदी के तल में जमा होता रहता है. इस कारण नहरबंदी के बाद प्रारंभ के कुछ दिनों में छोड़े जाने वाले पानी में प्रदूषण की मात्रा बढ़ जाती है. पंजाब की ओर से समयबद्ध रूप से एसटीपी और ईटीपी लगाने का काम किया जा रहा है.