भव्य राम दरबार की स्थापना दिसंबर तक होने के आसार
अयोध्या. अयोध्या के राम मंदिर में प्रथम तल पर भव्य राम दरबार की स्थापना इस साल दिसंबर तक होने के आसार हैं। राममंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली बार मंदिर निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक रविवार को संपन्न हुई। इसमें निर्माण कार्यों को गति देने पर चर्चा की गई। मंदिर का शेष निर्माण कार्य दस फरवरी से शुरू करने की तैयारी की जा रही है। रामनवमी से पहले यात्री सुविधाएं विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है।
निर्माण कार्य आगे बढ़ाने पर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने ट्रस्ट के पदाधिकारियों और कार्यदायी संस्था के इंजीनियरों के साथ चर्चा की। उन्होंने बताया कि मुख्य रूप से राममंदिर के 795 मीटर के परकोटे का काम जल्द पूरा किया जाएगा। परकोटे का 50 फीसदी काम पूरा हो चुका है। मंदिर के निचले चबूतरे पर आइकोनोग्राफी के जरिए पत्थरों पर मूर्तियां उकेरने का काम होना है। जन्मभूमि परिसर में सप्त मंडपम की परिकल्पना भी जल्द साकार होगी। परिसर में बड़े आकार का मंडप बनाया जाएगा। इसमें श्रीराम के समकालीन सात पात्रों महर्षि वाल्मीकि, वशिष्ठ, विश्वामित्र, अगस्त्य, निषाद राज, शबरी और अहिल्या के छोटे-छोटे मंदिर होंगे। मंदिर परिसर में सभी काम एक साथ शुरू होंगे।
पर्व पर पांच लाख भक्त कर सकेंगे दर्शन
राममंदिर के ट्रस्टी अनिल मिश्र ने बताया कि परिसर की सभी सडक़ों का निर्माण, प्रकाश व्यवस्था, सुरक्षा उपकरण लगाने के साथ तीर्थ यात्री सुविधा केंद्र का शेष काम रामनवमी से पहले पूरा करने का लक्ष्य है। बैठक में निर्बाध दर्शन की कार्ययोजना भी तय की गई। स्नान-पर्व और मेलों की विशेष तिथियों पर पांच लाख या इससे ज्यादा श्रद्धालु अयोध्या आएं तो उन्हें रामलला के सुगम दर्शन कराए जा सकेंगे।
प्रशासन ने किए कई इंतजाम
फिलहाल रोजाना एक से दो लाख श्रद्धालु अयोध्या आ रहे हैं। शनिवार, रविवार और मंगलवार को यह संख्या बढक़र दो से तीन लाख तक पहुंच जाती है। मंदिर में 23 जनवरी को पांच लाख से अधिक रामभक्तों के उमडऩे से सबक लेते हुए प्रशासन ने कई तरह के इंतजाम किए हैं। अब श्रद्धालु बिना व्यवधान रामलला के दर्शन कर रहे हैं।