भारतीय वायुसेना में हुआ पहला स्वदेशी आक्रमणकारी हेलीकॉप्टर
भारतीय वायुसेना (IAF) में सोमवार को औपचारिक रूप देश में बना लाइट कॉम्बेट हेलिकॉप्टर (LCH) शामिल हो गया। इसके शामिल होने से भारतीय वायु सेना की सामरिक ताकत बहुज ज्यादा बढ़ गई है। फिर चाहे वह पाकिस्तान(Pakistan) का मोर्चा हो या चीन (China) का। जोधपुर से पाकिस्तान की वायु दूरी करीब 200 किलोमीटर है। यहीं पर इसे शामिल किया गया है। दस हेलीकॉप्टर की यह स्क्वाड्रन अब पाक के किसी भी हरकत का जवाब देने के लिए काफी है।
देश को सुरक्षित बनाने के लिए हिन्दुस्तान एरोनोटिक्स लिमिटेड (एचएएल) की ओर से तैयार किया गया है। इसे सबसे पहले पश्चिमी मोर्चे पर तैनात किया जा रहा है। इससे पहले इसे लददाख में 15 हजार 800 फीट पर तैनात करके परीक्षण किया जा चुका है। इसे चीन से तनाव के हालात में भी प्रयोग किया गया था लेकिन यह तैनाती प्रायोगिक भले थी लेकिन वास्तविक युद्धभूमि पर थी और यह यहां पर पूरी तरह से खरा उतरा।
पहला स्वदेशी हेलिकॉप्टर स्क्वाड्रन (एलसीएच) जोधपुर में तैनात किया गया है। यह हवा से सतह और हवा से हवा में मार करने में सक्षम है। यह हेलिकॉप्टर न्यूनतम -50 डिग्री से लेकर अधिकतम 50 डिग्री के तापमान में काम कर सकता है। यह 180 डिग्री यानी पूरी तरह से हवा में स्थिर रह सकता है। वहीं 360 डिग्री कोण पर पलटते हुए आक्रमण करने में भी पारंगत है। एलसीएच में दुश्मन को चकमा देने के लिए इसका आकार बहुत ही स्लीम और शीशे से बनाया गया है। इसके कारण यह दुश्मन के राडार में आसानी से नहीं आएगा।
ये है एलसीएच की ताकत
51.10 फीट लंबा 15.5 फीट ऊंचा
एलसीएच में दो लोग बैठ सकते हैं।
साजो सामान के साथ इसका वजन 5800 किलोग्राम है।
इस पर 700 किलोग्राम के हथियार लग सकते हैं।
एलसीएच की अधिकतम गति 268 किलोमीटर प्रतिघंटा है।
एलसीएच की रेंज 550 किमी है।
3 घंटे 10 मिनट की उड़ान भरने की क्षमता