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भारत अगले सात साल में बनेगा ‘अपर मिडिल-इनकम’ वाला देश | India will become an ‘upper middle-income’ country in the next seven y

अपनी ‘इंडिया आउटलुक’ रिपोर्ट में क्रिसिल ने कहा कि घरेलू संरचनात्मक सुधारों के साथ 2031 तक भारत के तीसरी सबसे बड़ी इकॉनोमी बनने की उम्मीद है। भारत ग्रोथ की संभावनाओं को न सिर्फ बरकरार रखेगा बल्कि इसमें सुधार भी कर सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक, ‘चालू वित्त वर्ष में विकास दर 7.6 फीसदी रहने की उम्मीदों के बाद भारत की वास्तविक जीडीपी ग्रोथ वित्त वर्ष 2024-25 में थोड़ा मध्यम होकर 6.8 फीसदी रहने का अनुमान है।’

क्रिसिल के अनुसार, अगले सात वित्त वर्षों (2024-25 से 2030-31) में भारतीय अर्थव्यवस्था पांच लाख करोड़ डॉलर का आंकड़ा पार कर सात लाख करोड़ डॉलर के करीब पहुंच जाएगी। क्रिसिल ने कहा, ‘इस अवधि में 6.7 फीसदी की अनुमानित औसत वृद्धि भारत को दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बना देगी और 2030-31 तक इसकी प्रति व्यक्ति आय भी उच्च-मध्यम आय समूह तक पहुंच जाएगी।’

प्रति व्यक्ति आय होगी 4,500 डॉलर क्रिसिल को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2030-31 तक भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार 6.7 लाख करोड़ डॉलर तक पहुंच जाएगा। उस समय तक देश की प्रति व्यक्ति आय भी बढ़कर 4,500 अमरीकी डॉलर (3,73,500 रुपए) तक पहुंच जाएगी और भारत उच्च-मध्यम आय वाले देशों के समूह में शामिल हो जाएगा। वर्ल्ड बैंक की परिभाषा के मुताबिक, उच्च-मध्यम आय वाले देश की श्रेणी में ऐसे देश शामिल होते हैं जहां की प्रति व्यक्ति आय 4,000-12,000 अमरीकी डॉलर के बीच है। निम्न-मध्यम आय वाले देश वे होते हैं जिनकी प्रति व्यक्ति आय 1,000-4,000 अमरीकी डॉलर होती है।

घरेलू खपत के लिए बेहतर क्रिसिल के मैनेजिंग डायरेक्टर और चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर अमीश मेहता ने कहा कि वित्त वर्ष 2030-31 तक भारत तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था और उच्च-मध्यम आय वाला देश होगा, जो घरेलू खपत के लिए एक बड़ा सकारात्मक पक्ष होगा। भारत फिलहाल 3.6 लाख करोड़ डॉलर की जीडीपी के साथ दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था है। इसके आगे अमरीका, चीन, जापान और जर्मनी हैं।

नया शिखर मुंबई. फेड रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल के अमरीकी संसद में होने वाले भाषण से पहले विश्व बाजार के मिलेजुले रुख के बीच स्थानीय स्तर पर बैंकिंग, आइटी और टेक समेत आठ समूहों में हुई लिवाली की बदौलत बुधवार को शेयर बाजार नए शिखर पर पहुंच गया। बीएसई का तीस शेयरों वाला सेंसेक्स 408.86 अंक अर्थात 0.55 प्रतिशत की छलांग लगाकर पहली बार 74 हजार अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर के पार 74,085.99 अंक पर पहुंच गया। साथ ही नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 117.75 अंक यानी 0.53 प्रतिशत उछलकर नए रिकॉर्ड स्तर 22,474.05 अंक पर रहा। हालांकि स्मॉल और मिड कैप शेयरों में हल्की गिरावट दर्ज की गई। स्मॉल कैप में 1.91 फीसदी और मिड कैप शेयर 0.6 फीसदी नीचे आए।

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