Rajasthan

भीलवाड़ा के इस प्राचीन मंदिर की कहानी है अनोखी, सीधी खड़ी है चट्टान, आज भी भगवान की परछाई है मौजूद

रवि पायक/भीलवाड़ा:- भीलवाड़ा के उपनगरपुर के एक ऐसे मंदिर के बारे में आपको बताने जा रहे हैं, जो की आस्था और प्रकृति का एक अद्भुत नजारा है. भीलवाड़ा जिले में दक्षिणमुखी क्यारा का बालाजी मंदिर अपने आप में चमत्कारी है. जमीन के ऊपर  22 फीट ऊंची और आठ फीट चौड़ी चट्टान है, जो सीधी खड़ी है. इस चट्टान पर 13 फीट लम्बाई के बालाजी महाराज विराजित हैं. ग्रामीणों का कहना हैं कि यहां आकर भगवान ने विश्राम किया था, तब से यहां उनकी परछाई छप गई है. इस मंदिर की मान्यता यह है कि जो भी भक्त अपनी मनोकामना लेकर यहां आता है, उसकी सारी मुरादे पूरी होती है.

भगवान ने दिए थे दर्शन
क्यारा के बालाजी मन्दिर के पुजारी सोहन वैष्णव बैरागी का कहना है कि क्यारा के बालाजी बहुत प्राचीन हैं. चट्टान के ऊपर हनुमान जी की मूर्ति की मान्यता है कि कई समय पहले इस स्थान पर महात्मा तपस्या करते थे और भगवान ने यहां आकर दर्शन दिया था. बाद में भगवान ने विश्राम भी किया और उस समय के बाद से ही यहां पर हनुमान जी की इस चट्टान पर छाया छप गई. यहां चट्टान के ऊपर लेपन किया जाता है और हर 15 दिन में भगवान का श्रृंगार होता है. जो भी भक्त यहां मनोकामना लेकर आता है, उसकी सभी मनोकामना पूरी होती है.

दर्शन करने से पूरी होती है मनोकामना 
यहां आने वाले भक्त सौरभ का कहना है कि मैं करीब 7 से 10 साल से यहां पर भगवान के दर्शन करने के लिए आ रहा हूं. बड़े बुजुर्गों का कहना है कि एक समय यहां पर भगवान ने विश्राम किया था. जिसके बाद इस चट्टान पर भगवान के बाल स्वरूप की छाया छप गई. तब से ही हर ग्रामीण यहां हनुमान जी महाराज को पूजता है और चट्टान रूपी हनुमान जी की प्रतिमा के दर्शन करने से ही उनकी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं. यहां भीलवाड़ा ही नहीं, बल्कि राजस्थान के बाहर से भी भक्त दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं.

यह मंदिर हजारों परिंदों का आसरा
मंदिर परिसर में हजारों परिंदों के लिए आहार का स्थल भी है. इनके लिए करीबन 6 बोरी मक्का डाली जाती है. क्यारा के बालाजी मंदिर में हनुमानजी के साथ मार्बल के बने 8 टन भारी गदा की भी पूजा होती है. खास बात यह है कि ये गदा दो मार्बल पत्थर से बनकर तैयार हुआ है.

Tags: Bhilwara news, Hindu Temple, Local18, Rajasthan news

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