भोग से योग की दिशा में गति करें इंसान—आचार्य महाश्रमण | jain shwetambar dharm sangh

जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के वर्तमान अधिशास्ता और अहिंसा यात्रा के प्रणेता महातपस्वी आचार्य महाश्रमण का जयपुर में प्रवास जारी है।
जयपुर
Published: December 27, 2021 08:59:10 pm
जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के वर्तमान अधिशास्ता और अहिंसा यात्रा के प्रणेता महातपस्वी आचार्य महाश्रमण का जयपुर में प्रवास जारी है। आचार्य की अमृतवाणी के प्रभाव से गुलाबी नगरी जयपुर पूरी तरह आध्यात्मिक रंग में रंगी नजर आ रही है। सोमवार को अणुविभा केंद्र में धर्मसभा को संबोधित करते हुए आचार्य ने कहा कि तीन शब्द हैं-भोग, रोग और योग। सामान्य आदमी भोग के प्रति आकर्षित हो जाता है।

पदार्थजन्य भौतिक सुखों को भोगने हेतु आदमी लालायित नजर आता है। पांच इन्द्रियों के पांच विषय हैं। आंख और कान से साक्षात आसेवन नहीं हो सकता है, इसलिए इन्हें काम कहा गया है तथा शेष तीन इन्द्रियों को भोग कहा गया है। इंसान को भोग से योग की ओर बढ़ने का प्रयास करना चाहिए तथा अपनी आत्मा के कल्याण का प्रयास करना चाहिए। आचार्य तुलसी ने अणुव्रत आंदोलन चलाया। अणुव्रत अर्थात् छोटे-छोटे नियमों के द्वारा आदमी भोगों पर नियंत्रण रख सके और अपनी आत्मा को निर्मल बनाने का प्रयास करे।
जयपुर के समाज में हमेशा रहे आध्यात्मिक माहौल
तेरापंथ के चतुर्थ आचार्य श्रीमज्जयाचार्य, दसवें आचार्य महाप्रज्ञ और मंत्रीमुनि को याद करते हुए जयपुरवासियों को प्रेरणा प्रदान करते हुए कहा कि यहां के समाज में धार्मिक, आध्यात्मिक माहौल बना रहे। सेवा व सौहार्द की भावना प्रवर्धमान बनी रहे। साध्वी धनश्रीजी व साध्वी सलीलयशा ने पूज्यचरणों में अपनी श्रद्धाभिव्यक्ति दी।
आचार्य की मंगल सन्निधि में अणुव्रत विश्व भारती सोसायटी द्वारा अणुव्रत गौरव सम्मान का आयोजन किया। वर्ष 2020 का अणुव्रत गौरव सम्मान जीएल नाहर को देने की घोषणा की। तेरापंथी जयपुर के अध्यक्ष नरेश मेहता ने बताया कि करीब दो बजे आचार्य ससंघ जवाहरनगर में श्वेताम्बर संघ के महावीर साधना केन्द्र परिसर के लिए विहार किया। इस बीच रास्ते में जगह—जगह ससंघ की अगुवानी की गई।
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