महलों का सुख त्यागकर इस रानी ने महाराणा प्रताप का दिया था साथ, दोस्ती-विश्वास का प्रतीक है इनकी प्रेम कहानी

निशा राठौड़/उदयपुर. महाराणा प्रताप की वीरता और शौर्य की कहानी तो दुनिया भर में मशहूर हैं. लेकिन क्या आपको उनकी प्रेम कहानी के बारे में पता है आज हम आपको उनकी प्रेम कहानी के बारे में बताने जा रहे हैं. दरअसल उनकी पहली रानी अजबदे और महाराणा प्रताप के बीच कुछ ऐसी दोस्ती थी कि महाराणा प्रताप अपने हर निर्णय में अपनी रानी का सहयोग लिया करते थे. बचपन से ही दोनों साथ में बड़े हुए और इसके बाद 17 वर्ष की आयु में महाराणा प्रताप की शादी बिजोलिया ठिकाने की राजकुमारी अजबदे के साथ हुई.
महाराणा प्रताप के हर निर्णय में साथ रहती थी उनकी रानी अजबदे
विजेता प्रताप पुस्तक के रचियता और इतिहासकार चंद्रशेखर शर्मा ने बताया की मेवाड़ के महाराणा प्रताप की शौर्य गाथाओं के बारे में हर कोई जानता है कि उन्होंने किस तरह से मुगलों को घुटनों पर ला खड़ा किया था. लेकिन इन खास फैसलों में उनकी रानी अजबदे ने उनका सहयोग किया था. वह हर समय महाराणा प्रताप के हर निर्णय में सहायक रही थी.
यह भी पढ़ें : हेलीकॉप्टर में ले गया IPS अपनी IAS दुल्हनिया, दोनों U.P में हैं तैनात, पिता का सपना हुआ पूरा
महाराणा प्रताप उनमें उनकी मां की झलक देखे थे और अजबदे को भी राजनीतिक मामलों का बड़ा ही गहराई से ज्ञान था, इसी के चलते महाराणा प्रताप अपने हर निर्णय से पहले अजबदे से विचारविमर्श किया करते थे.
महल को त्याग वनों में भटकते हुए भी रही प्रताप के हर कदम साथ
महाराणा प्रताप ने मुगलों से लोहा लेने के चलते अपने राजपद को त्याग कर वन में रहना मंजूर कर लिया लेकिन उनके साथ उनकी रानी अजबदे भी कदम से कदम मिलाकर उनके साथ खड़ी रही और महाराणा प्रताप के साथ ही वन में रही. उन्होंने भी महलों का सुख त्याग कर प्रताप के साथ मुगलों की गुलामी स्वीकार करना नहीं चुना और उनके साथ रही. रानी अजबदे के पुत्र महाराणा अमर सिंह रहे जिन्होंने महाराणा प्रताप के बाद मेवाड़ के राज को संभाला.
.
Tags: History of India, Local18, Rajasthan news, Udaipur news
FIRST PUBLISHED : February 2, 2024, 13:37 IST