महिला ने कर दी एक गलती, हिलने लगे दांत, आप भी हो जाएं सावधान, दिखे ये लक्षण तो तुरंत करें डेंटिस्ट से संपर्क

‘करीब 34 साल की एक प्रेग्नेंट महिला दांत और मसूड़ों में भारी दर्द के साथ डेंटल क्लीनिक पर दिखाने आई. डॉक्टरों ने जब जांच की तो पता चला कि उसके दांतों के आसपास प्लाक यानि बैक्टीरिया वाले सख्त पदार्थ की मोटी परत जमी हुई थी. डॉक्टरों ने इसे साफ करवाने की सलाह दी लेकिन उसने कहा कि वह प्रेग्नेंट है और अभी दांतों की क्लीनिंग या स्केलिंग नहीं कराएगी, इसलिए उसे दवा देकर घर भेज दें. डॉक्टरों के समझाने के बाद भी उसने अपने परिजनों की सलाह मानी और दांतों की सफाई नहीं करवाई.’
‘इसके बाद महिला वहां से चली गई लेकिन बच्चा होने के डेढ़ महीने बाद वह फिर क्लीनिक में आई तो उसकी हालत देखकर डॉक्टर भी हैरान रह गए. महिला के मसूढ़े सूजे हुए थे, मसूढ़ों ने दांतों को छोड़ दिया था और उसके चार दांत ऐसे हिल रहे थे, जैसे अभी गिर पड़ेंगे. महिला तेज दर्द में चीख रही थी और पिछले कुछ दिनों से कुछ खा भी नहीं पा रही थी. आखिरकार डॉक्टरों ने उसके दांतों की सफाई करने के साथ ही उसे मेडिकेशन दी और कुछ समय तक ऑब्जरवेशन में रखा. कुछ दिन के बाद महिला के दांत और मसूढ़े स्वस्थ हुए.’
यह मामला नोएडा के डेंटल क्लीनिक में आया. महिला का इलाज करने वाली नोएडा के जेबिस डेंटल सॉल्यूशन की फाउंडर और पूर्व सीनियर कंसल्टेंट फॉर्टिस अस्पताल, डॉ. लिबि सिंह ने बताया कि सिर्फ महिलाएं ही नहीं पुरुष भी दांतों को लेकर ऐसी कई गलतियां करते हैं कि बाद में उन्हें पछताना पछताना पड़ता है. महिला खुशकिस्मत थी कि उसके दांत सिर्फ हिल रहे थे, गिरे नहीं थे, वरना उसे काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता. अगर उसने प्रेग्नेंसी में ही दांतों का सही ट्रीटमेंट ले लिया होता तो उसको इतनी दिक्कतें नहीं होतीं.
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अक्सर ऐसी गलती करते हैं लोग
डॉ. लिबि कहती हैं कि प्रेग्नेंसी को लेकर हमारे यहां पर इतनी भ्रांतियां हैं, जिनके चलते लोगों को भारी मुसीबतें झेलनी पड़ती हैं. सबसे बड़ी भ्रांति है कि प्रेग्नेंसी में और डिलिवरी के बाद कच्चा शरीर होता है, दांत कमजोर हो जाते हैं, इसलिए दांतों को न तो ब्रश से रोजाना साफ करना चाहिए और न ही इनका कोई ट्रीटमेंट लेना चाहिए.

प्रग्नेंसी में दांतों की समस्याएं बढ़ जाती हैं.
प्रेग्नेंसी में बढ़ जाती हैं डेंटल प्रॉब्लम्स
जहां बड़े-बुजुर्ग प्रेग्नेंसी में दांतों को ज्यादा न छेड़ने की सलाह देते हैं, वहीं देखा जा रहा है कि इस दौरान महिलाओं को सबसे ज्यादा डेंटल प्रॉब्लम्स होती हैं. ऐसा दांतों की साफ-सफाई को लेकर पर्याप्त ध्यान न दे पाने और डेंटल चेकअप न कराने या अन्य कोई ट्रीटमेंट न कराने की वजह से होता है, जो खतरनाक है. इस दौरान मसूढ़े सूज जाते हैं, उनमें पस भी आ सकता है, दांत और मसूढ़े जगह छोड़ देते हैं, कैविटी हो सकती है, प्लाक की वजह से मसूढ़ों से खून आ सकता है, भीषण दर्द हो सकता है, दांत हिल सकते हैं, आदि.
प्रेग्नेंसी में भी हो सकता है दांतों का इलाज
डॉ. लिबि कहती हैं कि प्रेग्नेंसी के पहले और तीसरे ट्राइमेस्टर में सिर्फ एंटीबायोटिक या अन्य दवाएं खाने की मनाही होती है, लेकिन दूसरे ट्राइमेस्टर में सावधानी के साथ ये भी दी जा सकती हैं. वहीं पूरी प्रेग्नेंसी में कभी भी दांतों की स्केलिंग, क्लीनिंग, फिलिंग आदि करवा सकते हैं. महिलाओं और पुरुषों को यह जानने की जरूरत है कि प्रेग्नेंसी में डेंटल ट्रीटमेंट लेने के नुकसान नहीं हैं.
क्या करें महिलाएं

गर्भावस्था में महिलाएं दांतों की ज्यादा देखभाल करें.
. प्रेग्नेंसी के दौरान दांतों की अच्छे से सफाई करें. सुबह और रात में दो बार सॉफ्ट ब्रशल्स वाले ब्रश से दांत साफ करें.
. दांतों में कोई दिक्कत दिखाई दे तो तुरंत दांतों के डॉक्टर को दिखाएं.
. प्रेग्नेंसी में डेंटल प्रॉब्लम है तो डिलिवरी का इंतजार न करें.
. डिलिवरी के अगले दिन से ही ब्रश करें.
क्या कहती हैं स्त्री रोग विशेषज्ञ
वहीं फॉर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट में ऑब्स्टेट्रिक्स और गायनेकोलॉजी विभाग की डायरेक्टर और हेड डॉ. सुनीता मित्तल कहती हैं कि प्रेग्नेंसी में डेंटल चेकअप, डेंटल क्लीनिंग, स्केलिंग आदि कराई जा सकती है. इसका कोई भी नुकसान नहीं होता है. प्रेग्नेंसी और डिलिवरी के तुरंत बाद भी दांतों की सफाई करना बेहद जरूरी है.
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FIRST PUBLISHED : April 18, 2024, 10:43 IST