Rajasthan

मिर्धा परिवार में संपत्ति पर घमासान, पूर्व MP ज्योति के चाचा ने दिया ये जवाब, Property dispute in veteran political Mirdha family of Nagaur-read latest updates– News18 Hindi

जोधपुर. नागौर की पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा (Former MP Jyoti Mirdha) की ओर से अपने चाचा भानुप्रकाश और पूर्व पर्यटन मंत्री ऊषा पूनिया सहित 13 लोगों के खिलाफ दर्ज करवाए गए संपत्ति संबंधी विवाद (Property dispute) में नया अपडेट आया है. पूर्व सांसद भानुप्रकाश मिर्धा समेत मनीष मिर्धा और विजय पूनिया ने इस मामले को लेकर मीडिया के सामने अपना पक्ष रखा है. भानुप्रकाश मिर्धा ने कहा कि उन्हें इस घटनाक्रम से बहुत ठेस पहुंची है. जब संपत्ति का बंटवारा हुआ था तो उनके स्वर्गीय भाई रामप्रकाश मिर्धा ने सहमति दी थी. जो दस्तावेज रजिस्टर्ड हुए थे उनमें किसी तरह का कोई करेक्शन नहीं किया गया है. लेकिन न जाने किस मकसद को लेकर यह एफआईआर दर्ज कराई गई है.

पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा के चाचा ने कहा कि उन पर दर्ज एफआईआर के बारे में वे समझ नहीं पा रहे हैं. भानुप्रकाश के बेटे मनीष मिर्धा ने कहा कि 33 साल बाद पुराने बंटवारे को लेकर जिस तरीके से मामला दर्ज किया गया है यह राजनीति से प्रेरित भी हो सकता है. मनीष ने दस्तावेज दिखाते हुए कहा कि सांसद के चुनाव का नामांकन भरते समय ज्योति मिर्धा ने अपनी समस्त संपत्तियों का ब्यौरा दिया था. इसमें जोधपुर की संपत्तियों का ब्यौरा भी था. लेकिन जिस खसरा नंबर को लेकर एफआईआर दर्ज कराई गई है उसका उल्लेख नहीं है. इससे यह साबित होता है कि 33 साल बाद इस प्रकरण में जानबूझकर गलत मिथ्या आरोप लगाए जा रहे हैं.

33 साल बाद एफआईआर पर मिर्धा परिवार में महाभारत
मनीष मिर्धा ने कहा कि एफआईआर में यह कहा है कि यह जमीन उनकी है जबकि 33 साल पहले स्वर्गीय रामप्रकाश मिर्धा की सहमति से जमीन का बेचान हुआ था. उसकी राशि 48000 प्राप्त हुई थी वो दोनों भाइयों में बांटी गई थी. तब से लेकर अब तक किसी ने इस बेचान पर कोई आपत्ति नहीं दर्ज करवाई.

पूर्व मंत्री के पति ने भी रखा अपना पक्ष
पूर्व पर्यटन मंत्री ऊषा पूनिया के पति विजय पूनिया ने कहा कि जेडीए ने उनको पट्टे जारी किए थे. इसके लिए बाकायदा कार्रवाई का अखबारों में भी प्रकाशन हुआ था. उसके बाद ही कुल 12 लोगों को उस जमीन पर काटी गई कॉलोनी के पट्टे जारी किए गए थे. खुद ज्योति मिर्धा और उनकी बहन की ओर से भी बंटवारे के दौरान कोर्ट में यह लिखित बयान दिया गया कि जो जमीन पूर्व में बेची जा चुकी है वह बंटवारे में शामिल नहीं हैं.

पूर्व सांसद ने दर्ज करवाया था मामला
गौरतलब है कि कांग्रेस से जुड़ा नागौर का मिर्धा परिवार दशकों से राजनीति में सक्रिय है. इस परिवार के कई सदस्य कई बार विधायक और सांसद रह चुके हैं. इस परिवार की पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा ने हाल ही में न्यायालय के मार्फत 5 अगस्त को चौपासनी हाउसिंग बोर्ड थाने में अपने चाचा पूर्व सांसद भानुप्रकाश मिर्धा और पर्यटन मंत्री उषा पूनिया सहित 13 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है. उसमें यह आरोप लगाया कि कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर फर्जी तरीके से यह जमीन सोसाइटी को बेची गई है.

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