Rajasthan

‘मुख्‍यमंत्री बनना महत्‍वपूर्ण नहीं’, सचिन पायलट ने कहा- ‘मुझसे सीएम बनने के बारे में मत पूछें….’

जयपुर. कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने न्यूज18 को एक इंटरव्यू में बताया कि राजस्थान में किसी भी कांग्रेस नेता के लिए मुख्यमंत्री बनना महत्वपूर्ण नहीं है. उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता चुनाव जीतना है. उन्होंने उनके और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा संयुक्त अभियान की कमी की बात को खारिज कर दिया और कहा कि भाजपा को जवाब देना चाहिए; उसके राजस्थान के शीर्ष नेता “नाराज” हैं. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि राजस्‍थान में सीएम गहलोत और पायलट ने 2018 के बाद से केवल ‘एक-दूसरे को भगाने’ की कोशिश की है. पायलट ने कहा कि भाजपा को पार्टी में चल रहे भ्रम के बारे में बात करनी चाहिए और उन्होंने वसुंधरा राजे पर कटाक्ष किया.

सचिन पायलट ने कहा कि जब संयुक्त अभियान का सवाल आता है तो फोटो-पोस्‍टर आदि महत्वपूर्ण नहीं होता है. पायलट ने कहा कि वह गहलोत का सम्मान करते हैं जिन्होंने हाल ही में “संतुलित बयान” दिए हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लिए उन तीन या चार राज्यों में जीत हासिल करना महत्वपूर्ण है जहां चुनाव होने वाले हैं ताकि पार्टी 2024 में भाजपा को हराने की स्थिति में हो. पायलट ने कहा कि भाजपा राज्य में “नकारात्मक अभियान” चला रही है. वह कांग्रेस की योजनाओं की नकल करने और पुनः पैकेजिंग करने में लगी हुई है.

पीएम मोदी ने कहा है कि अशोक गहलोत और सचिन पायलट पिछले 5 साल से एक-दूसरे को भगाने की कोशिश कर रहे थे…
सचिन पायलट: (हंसते हुए) मुझे लगता है कि भाजपा के पास मुद्दों की कमी है और उसके पास लोगों को बताने के लिए कुछ भी नहीं है. केंद्र की भाजपा सरकार ने पिछले 10 वर्षों में राजस्थान के लिए क्या किया है और अगले 5 वर्षों के लिए उनका रोडमैप क्या है? वे बस इस उम्मीद में बैठे हैं कि राजस्थान में स्वाभाविक बदलाव के चलते सत्ता परिवर्तन होगा और उन्हें इतिहास का लाभ मिलेगा. दुर्भाग्य से उनके लिए यह सच नहीं है. जमीनी हकीकत अलग है. जिन दो राज्यों मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में मतदान हुआ है, वहां कांग्रेस ने अच्छा प्रदर्शन किया है. भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की टिप्पणियों से यह स्पष्ट है कि उनके पास राजस्थान के लोगों को देने के लिए बहुत कम है, इसलिए वे केवल आरोप लगा रहे हैं, और यह बताने में असमर्थ हैं कि वे राजस्थान के लोगों के लिए क्या करेंगे?

लेकिन पीएम जो कह रहे हैं वह पूरी तरह से झूठ नहीं है… आपके और अशोक गहलोत के बीच मनमुटाव था?
सचिन पायलट:
यह पूरी तरह झूठ है. कुछ ऐसे मुद्दे हैं जो मुझे लगा कि लोगों के लिए महत्वपूर्ण हैं. मैंने उन मुद्दों को उठाया, पार्टी ने संज्ञान लिया, एक समिति बनाई, हमने सुधारात्मक कदम उठाए, राज्य सरकार ने कार्रवाई की और यही कारण है कि आज हम यह कहने की स्थिति में हैं कि हम वापस आएंगे. जब भी हम सरकार बनाते हैं, हम कभी सत्ता में नहीं लौटते. लेकिन इस बार हमने (मैंने और गहलोत ने) साथ मिलकर जो किया है, उसके कारण राज्य के लोगों का मुद्दा जो हमने उठाया और सरकार ने उस पर कार्रवाई की, हम सत्ता विरोधी लहर को मात देने के लिए अच्छी स्थिति में हैं.

यह हमें श्रेय जाता है कि हम बहस करने, चर्चा करने और पार्टी, सरकार और राजस्थान के लोगों के लिए सबसे अच्छा रास्ता निकालने में सक्षम थे. दुर्भाग्य से भाजपा के पास पूर्ण बहुमत था क्योंकि उनके पास राज्य से सभी सांसद थे लेकिन उन्होंने राज्य के लिए कुछ नहीं किया. अब भी उनका प्रचार एक नकारात्मक अभियान है. उनके पास कोई ब्लूप्रिंट नहीं है, उनके पास 5 साल का एजेंडा नहीं है, वे हमारी योजनाओं की नकल कर रहे हैं . राजस्थान में उनके नेतृत्व में स्पष्टता की कमी है और यहां तक ​​कि अभियान में भी गति की कमी है. वे देश भर से लोगों को यहां प्रचार के लिए क्यों ला रहे हैं? ऐसा इसलिए है क्योंकि उनके राज्य के नेताओं के पास जमीन पर पकड़ और जुड़ाव नहीं है.

हमने आपको और गहलोत को एक साथ प्रचार करते नहीं देखा है; पिछली बार आपने मोटरसाइकिल की सवारी की थी. क्या ऐसी छवि दोबारा देखने को मिलेगी?
सचिन पायलट: हमने हमेशा साथ मिलकर प्रचार किया है. कल ही राहुल गांधी और अशोक गहलोत ने एक साथ चुनाव प्रचार किया. खड़गे, और प्रियंका गांधी..हम सभी राज्य के विभिन्न क्षेत्रों को कवर कर रहे हैं. मुझे लगता है कि अगर यह सिर्फ एक तस्वीर क्लिक करवाने के लिए है, तो आप अपने संसाधनों और समय को प्राथमिकता नहीं दे पाएंगे. हमारे पास सिर्फ 3 दिन बचे हैं, इसलिए हमने एक साथ प्रचार किया है, हम एक टीम के रूप में काम कर रहे हैं, और नेतृत्व के सभी मुद्दे, भविष्य – सब कुछ तय किया जा रहा है.

यह भाजपा है जिसमें सभी पहलुओं में स्पष्टता का अभाव है – आप राजस्थान में एक नाराज नेता देखते हैं, आप राजस्थान में कई उम्मीदवारों को उस पद के लिए प्रयास करते हुए देखते हैं और हर जगह अभियान चल रहा है. लोग दोनों पार्टियों और धारणाओं का आकलन कर रहे हैं.

ऐसी धारणा है कि केवल राहुल गांधी ही आपको और गहलोत को एक साथ लाते हैं, आप दोनों को अकेले नहीं…
सचिन पायलट: गहलोत ने कुछ बहुत ही संतुलित बयान दिए हैं, मैं भी इस बारे में बात कर रहा हूं कि हमें भविष्य में क्या करने की जरूरत है., मैं कहता रहता हूं कि जो हो गया, सो हो गया पहले की बात हो गई, पार्टी ने मुझे भूलने के लिए कहा है. हम यही कर रहे हैं, ये देश के लिए जरूरी है और कांग्रेस को मजबूत करना जरूरी है. कांग्रेस मजबूत होगी तो विपक्ष मजबूत होगा. अगर हम राज्य चुनाव जीतेंगे तो कांग्रेस मजबूत होगी.’ व्यक्ति उतना महत्वपूर्ण नहीं है जितना पार्टी. पार्टियाँ सरकार बनाती हैं, अगर पार्टी मजबूत नहीं है तो आप सरकार कैसे बनाते हैं? यह मीडिया में चीजों को उठाने का एक मुद्दा है. हमारे एजेंडे और अभियान को देखें – इसे बीजेपी द्वारा ये हो गया, वो हो गया की कहानियां गढ़ने के बजाय पेश किया जाना चाहिए.

लेकिन राजस्थान में कांग्रेस के सीएम के चेहरे को लेकर कोई स्पष्टता नहीं है…
सचिन पायलट:
एक पार्टी के रूप में, यह हमेशा भाजपा ही है जो सीएम चेहरे और पीएम चेहरे की घोषणा करती है. एक पार्टी के रूप में हम एक प्रक्रिया का पालन करते हैं जहां संगठन काम करता है और जनादेश प्राप्त करता है और निर्वाचित विधायक शीर्ष नेतृत्व से बात करते हैं और तय करते हैं कि सरकार का नेतृत्व कौन करेगा. हमारी परंपरा में कोई बदलाव नहीं है, यह चुनाव में जाने वाले सभी राज्यों के लिए है. चुनाव से पहले हमारी ओर से कोई घोषणा नहीं की जाती, बीजेपी ही नामों की घोषणा करने में गर्व महसूस करती है, इस बार उन्होंने ऐसा क्यों नहीं किया? ये सवाल आपको उनसे जरूर पूछना चाहिए.

अगर सचिन पायलट के पास पिछले 5 सालों की तरह केवल 20-22 विधायक ही हैं, तो सचिन पायलट सीएम कैसे बन पाएंगे?
सचिन पायलट: आप मुझसे सीएम बनने के बारे में क्यों पूछ रहे हैं? आपको मुझसे पूछना चाहिए कि चुनाव कैसे जीता जाए. हममें से किसी के लिए भी सीएम, पीएम आदि बनना महत्वपूर्ण नहीं है. कांग्रेस में हम सब हाथ के निशान पर जीतते हैं. यहां कोई समूह, या गुट या वफादार नहीं है. केवल मीडिया ही ऐसा कहता है, बहुत से लोगों को ऐसी संख्याएँ और गणनाएँ बताने में बहुत आनंद मिलता है. हम सभी ने 2018 में एक पंक्ति का प्रस्ताव पारित किया था कि नेतृत्व जो भी निर्णय लेगा, हम उसका पालन करेंगे. मैं भी उन विधायकों में से एक था और गहलोत भी थे. बिल्कुल वैसा ही 2023 में होगा. हमारे लिए ये कोई मुद्दा नहीं है, आप सबके लिए ये नया हो सकता है, हमारे लिए मायने रखता है राजस्थान की जनता का जनादेश और उनके वोट और विश्वास पाना. हम इस बार पुराने ट्रेंड को तोड़ना चाहते हैं.

मैंने एक इंटरव्यू में सीएम से पूछा तो उन्होंने कहा कि कोई कैसे कह सकता है कि वह आपसे प्यार नहीं करता?
सचिन पायलट: वह सही है, यह सच है, कोई कैसे कह सकता है? पेशेवर और व्यक्तिगत रूप से हमारे पास जो कुछ भी है वह हमारे बीच है. और हमें जो भी कहना और बात करनी होती है, हम दिल्ली में अपने नेताओं के साथ करते हैं.

तो क्या आप गहलोत का सम्मान करते हैं?
सचिन पायलट: हम साथ मिलकर काम कर रहे हैं, जो कोई भी उम्र में मुझसे बड़ा है, मैंने हमेशा उसे पूरा सम्मान दिया है, चाहे परिस्थितियाँ कुछ भी हों, चाहे कुछ भी आरोप लगाया गया हो या कहा गया हो, मैंने कभी किसी का अनादर नहीं किया है. मेरा पालन-पोषण इसी तरह हुआ है और मैं ऐसा ही करना जारी रखूंगा.’

बीजेपी ने इस चुनाव में कन्हैया लाल हत्याकांड को जोर-शोर से उठाया है. साथ ही हिंदुत्व का मुद्दा भी……
सचिन पायलट: बीजेपी उन मुद्दों को बनाने की कोशिश करेगी लेकिन धर्म और मंदिर-मस्जिद की राजनीति, मुझे नहीं लगता कि लोगों को यह पसंद आएगी. लोग विकासोन्मुख एजेंडा और सेवाओं की डिलीवरी देखना चाहते हैं. वोटों के ध्रुवीकरण की अपनी सीमाएँ होती हैं और लोगों ने इसे देखा है.

क्या कांग्रेस के ‘7 गारंटी’ अभियान का असर होगा?
सचिन पायलट: हमने पहले जो किया है, लोगों को बहुत अच्छा लगा है और हम जो करना चाहते हैं, उसकी लोग सराहना कर रहे हैं. देश में अमीर और गरीब के बीच असमानता बढ़ी है – यही कारण है कि भाजपा भावनात्मक मुद्दों, मंदिर-मस्जिद मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करती रहती है, लेकिन मुझे नहीं लगता कि भारत के युवा लोग इसकी सराहना करते हैं.

क्या आपको नहीं लगता कि राजस्थान में 2020 और 2022 की घटनाओं ने पार्टी को नुकसान पहुंचाया है?
सचिन पायलट: राजनीति में हमें यह देखना होगा कि राज्य के लोगों के हित में क्या है, हम एक सकारात्मक एजेंडे के साथ आए हैं और हमने यह सुनिश्चित किया है कि हमने सुधारात्मक कदम उठाए हैं ताकि हम राजस्थान जीत सकें. हमारे लिए इन 3-4 राज्यों को जीतना जरूरी है ताकि हम 2024 में बीजेपी को हराने की स्थिति में आ सकें.

Tags: Ashok Gehlot Vs Sachin Pilot, Congress, Rajasthan Assembly Elections, Sachin pilot

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