मोतीचूर के लड्डू की महक से महका राजस्थान का यह शहर, घर- घर शुरू हुई गणेश पूजा की तैयारी

मोहित शर्मा/ करौली. रिद्धि सिद्धि और बुद्धि के देवता गणपति का जन्मोत्सव का उत्सव यानि गणेश चतुर्थी का पर्व पूरे देश पर में कल श्री गणेश का घर-घर में पूजन और स्थापना के साथ धूमधाम से मनाया जाएगा. एक और जहां लोग गणपति की स्थापना के लिए बाजारों से प्रतिमाएं खरीद रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर मिष्ठान व्यापारी बप्पा का प्रसाद बनाने में तेजी से लगे हुए हैं.गणपति का सबसे पसंदीदा व्यंजन मोदक बताया जाता है. लेकिन राजस्थान के करौली में मोदक के बजाय सिद्धिविनायक को सबसे ज्यादा मोतीचूर के लड्डू का प्रसाद चढ़ाया जाता है.
मोतीचूर के लड्डू का क्रेज यहाँ कुछ यहां ऐसा है कि गणेश चतुर्थी से पहले ही यहां पर लड्डू बांधकर तैयार कर दिए जाते हैं. हर वर्ष की भांति इस साल भी करौली में एक बड़ी तादात में बप्पा के प्रसाद के लिए लड्डू तैयार किए गए हैं. मिष्ठान व्यापारियों के अनुसार प्रसाद के लिए इस बार पूरे शहर में 100 क्विंटल बूंदी के लड्डू बनाकर तैयार किए गए हैं.
‘एक दिन में 100 क्विंटल लड्डू की होती है खपत’
जगदंबा मिष्ठान भंडार के रजनीश शर्मा का कहना है कि पूरे करौली शहर में कम से कम प्रसाद के लिए 100 क्विंटल लड्डू तैयार किए जाते हैं जो शाम को बिक्री के बाद समाप्त हो जाते हैं. उनका कहना है कि यहां पर तीन तरह के लड्डू बनाए जाते हैं जिसमें एक छोटी बूंदी का दूसरा मोटी बूंदी का और तीसरा बेसन का लड्डू तैयार किया जाता है. इसके अलावा बूंदी के मीठे दाने भी काफी मात्रा में प्रसाद के लिए खरीदे जाते हैं. उन्होंने यह भी बताया कि शहर वासी प्रसाद के लिए सबसे ज्यादा पसंद बूंदी के लड्डू को करते हैं. इसी कारण इसे गणेश चतुर्थी के दो दिन पहले ही बनाकर रखा जाता है.
गणेश उत्सव के लिए विशेष तौर पर किए जाते हैं तैयार
वहीं, दूसरी ओर मिष्ठान व्यापारी मुकेश गुप्ता का कहना है कि विशेष तौर पर बूंदी और मोतीचूर के लड्डू करौली में गणपति के त्यौहार को लेकर बनाए जाते हैं. उनका कहना है कि यहां पर यह लड्डू दो प्रकार के बनते हैं. एक में डालडा घी के और दूसरे में देसी घी के लड्डू बनाए जाते हैं और अगर बात की जाए इनके भाव की तो डालडा घी के लड्डू ₹120 किलो व देसी घी के लड्डू ₹300 किलो के भाव से बिकते हैं. मिष्ठान व्यापारियों के मुताबिक करौली में सबसे ज्यादा खपत देसी घी के छोटी बूंदी वाले लड्डू की होती है. शहर के हर बड़े मंदिर और घर-घर में इसका प्रसाद गणपति को लगाया जाता है. व्यापारी मुकेश गुप्ता का कहना है कि लगभग सारे मिष्ठान भंडारों से यह लड्डू गणेश चतुर्थी के अवसर पर 100 क्विंटल तक बिक जाता है.
.
FIRST PUBLISHED : September 18, 2023, 21:01 IST