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‘मोदी सरनेम केस में नहीं मिलनी चाहिए सजा…’ राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट से कहा- कानूनी प्रकिया का दुरुपयोग हुआ

नई दिल्ली. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने वर्ष 2019 के मोदी सरनेम से जुड़े मानहानि मामले में दोषसिद्धि पर रोक लगाने की अपनी याचिका पर बीजेपी नेता पूर्णेश मोदी के हलफनामे पर बुधवार को अपना जवाब दाखिल किया. राहुल गांधी ने अपने इस जवाबी हलफनामे में कहा कि इस मामले में न्यायिक प्रक्रिया का घोर दुरुपयोग हुआ है और माफी मांगने से मना करने पर मुझे अहंकारी बताना ‘निंदनीय’ है.

राहुल गांधी ने अपने हलफनामे में कहा कि ‘याचिकाकर्ता को बिना किसी गलती के माफी मांगने के लिए मजबूर करने के लिए जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत आपराधिक प्रक्रिया और परिणामों का उपयोग करना, न्यायिक प्रक्रिया का घोर दुरुपयोग है और इस न्यायालय द्वारा इसे स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए.’

कांग्रेस नेता ने कहा कि इस कथित मानहानि मामले में उन्हें अधिकतम सजा दी गई है, जिसके चलते उनकी संसद सदस्यता चली गई. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ‘पूर्णेश मोदी खुद मूल रूप से मोदी समाज के नहीं हैं. ऐसे में उन्हें सजा नहीं मिलनी चाहिए.’

पुर्णेश मोदी ने अपने हलफनामे में क्या कहा?
इससे पहले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर राहुल गांधी द्वारा इस मामले में दोषसिद्धि पर रोक लगाने की याचिका को खारिज करने का आग्रह किया था.

पूर्णेश मोदी ने अपने हलफनामे में कहा था कि राहुल गांधी ने मोदी सरनेम वाले सभी लोगों को खासकर गुजरात के ‘मोध वणिक’ जाति से जुड़े लोगों का अपमान किया है. अपने वकील पीएस सुधीर के जरिये दायर किए गए 21 पन्नों के जवाब में पूर्णेश मोदी ने कहा कि ‘जिरह के दौरान राहुल गांधी अभियोजन पक्ष के मामले में कोई कमी नहीं ढूंढ पाये और उन्होंने व्यावहारिक रूप से मोदी सरनेम वाले सभी व्यक्तियों की मानहानि की बात स्वीकार की है.’

भाजपा नेता ने कहा कि गांधी का रवैया उन्हें सजा पर रोक जैसी किसी भी राहत पाने से रोकता है, क्योंकि यह अहंकार, अपमानित समुदाय के प्रति असंवेदनशीलता और कानून के प्रति अवमानना को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि निचली अदालत के समक्ष पेश किए गए सबूतों को देखते हुए दोषसिद्धि पर रोक लगाने का कोई आधार नहीं बनता है.

सुप्रीम कोर्ट में 4 अगस्त को सुनवाई
बता दें कि राहुल गांधी ने 13 अप्रैल 2019 को कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा था, ‘सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है?’ इसे लेकर पूर्णेश मोदी ने 2019 में उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज कराया था.

इस मामले में गांधी को इस साल मार्च में सूरत की एक अदालत ने 2 साल कैद की सज़ा सुनाई थी और गुजरात हाईकोर्ट ने 7 जुलाई को उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. इसके बाद कांग्रेस नेता ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, जिसने 21 जुलाई को गुजरात सरकार समेत संबंधित पक्षों को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा था. शीर्ष अदालत इस मामले पर 4 अगस्त को सुनवाई करेगा.

Tags: Defamation, Rahul gandhi, Supreme Court

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