‘म्हारी छोरियां छोरा से कम है के’ दूल्हे की तरह सजी बेटी, घोड़ी पर बैठाकर निकाली बंदोरी-My daughter is less than my daughter’s son

नरेश पारीक/चूरू : ‘म्हारी छोरियां छोरा से कम है के’ ये छोटी सी टैग लाइन राजस्थान में आज भी कई मायने रखती है राजस्थान सहित देश के कई हिस्सों में शादियों के दौरान बिंदौरी की रस्में निभाई जाती हैं. इसी कड़ी में रस्म में लड़का घोड़ी पर बैठता है और किसी एक स्थान से गांव के विभिन्न मार्गों से होकर उसकी बिंदौरी निकाली जाती है. चूरू के एक परिवार ने सराहनीय पहल करते हुए अपनी बेटी को घोड़ी पर बिठाकर बिंदौरी निकाली है.
डीजे लगाकर नाचते नजर आए रिश्तेदार
शहर के नया बॉस निवासी चेतनराम सैनी ने समाज में बेटा-बेटी एक समान का संदेश देकर घोड़ी पर बिटिया जया सैनी को बैठाकर भेदभाव नहीं करने का संदेश दिया है. शादी-विवाह में शिरकत करने पहुंचे रिश्तेदारों ने भी बिटिया की बिंदौरी में डीजे की मधुर सुस्वर लहरियों में नाचते-गाते उत्साह के साथ बिंदौरी निकाली, जिससे बिटिया जया के चेहरे पर मुस्कुराहट खिली. आज के युग में बेटियां बेटों से किसी भी कार्य में पीछे नहीं हैं. बावजूद इसके कुछ लोग बेटे और बेटी में अंतर समझते है.
एमकॉम पास है जया
एमकॉम पास जया सैनी के चाचा चिरंजीलाल सैनी बताते है जया चार भाई बहनों में सबसे बड़ी है जया से छोटी दो और उसकी बहने है. चाचा चिरंजीलाल बताते है जया की 31 जनवरी को शहर के ही पवन सैनी के साथ शादी होगी.चिरंजीलाल बताते है घर, परिवार के सब लोगो ने बैठकर बेटा, बेटी के भेद को मिटाने के उद्देश्य से जया की घोड़ी पर बंदोरी निकालने का सामूहिक निर्णय लिया और जया को दूल्हे की तरह सजा कर घोड़ी पर बैठाकर पूरे मोहल्ले में उसकी डीजे पर बंदोरी निकाली.बेटी को घोड़ी पर बैठे देख मोहल्लेवासियों ने भी जगह,जगह जया का स्वागत किया.
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FIRST PUBLISHED : January 30, 2024, 18:51 IST