यहां देवी प्रसन्न होने पर करती है अग्नि स्नान, मंदिर से ठीक होकर जाते हैं लकवा ग्रस्त रोगी, जानें मान्यता

निशा राठौड़/उदयपुर. शारदीय नवरात्र की शुरुआत के साथ ही माता की आराधना घर-घर होना शुरू हो गई है. ऐसे में हम आप को मेवाड़ की ऐसी आराध्य देवी के बारे में बताने जा रहे है जो अपने अग्नि स्नान के लिए प्रमुख रूप से पहचानी जाती है. जी हां उदयपुर जिले के बम्बोरा गांव में इडाणा माताजी की विशाल प्राक्रतिक प्रतिमा स्वयं अग्निस्नान करती है, जो भी भक्त अग्निस्नान के दर्शन कर लेता है तो वो अपने आप को धन्य समझता है.वहीं इस देवी की यह मान्यता भी है की यहां आने वाला लकवा रोगी ठीक हो जाता है.
लकवे का भी होता है यहां इलाज
स्थानीय लोगों की माने तो यहां की मान्यता है कि इस माता के मंदिर में लकवे का इलाज भी होता है. कहते हैं कि अगर कोई लकवाग्रस्त व्यक्ति यहां आता है तो वह यहां से स्वस्थ्य होकर लौटता है. देवी ईडाणा मां का यह मंदिर अलौकिक अग्निस्नान के लिए पूरे देश में प्रसिद्धि पा चुकी है. देवी मां का यह अग्निस्नान इसलिए और भी महत्वपूर्ण हो जाता है, क्योंकि यहां जब भी देवी मां प्रसन्न होती है तो स्वतः ही आग की लपटे उठने लगती है.
ईडाणा माता को स्थानीय राजा रजवाड़े अपनी कुलदेवी के रूप में पूजते आए है. माता के इस मंदिर में श्रद्धालु चढ़ावे में लच्छा, चुनरी और त्रिशूल लाते हैं. मंदिर में कोई पुजारी नहीं है. यहा सभी लोग देवी मां के सेवक हैं. यहां सभी धर्मों के लोग आते हैं और जो भी आता है वह देवी मां का सेवक बन जाता है.
ऐसे पहुंचे ईडाणा माता मंदिर
उदयपुर शहर से 60 किमी. दूर कुराबड-बम्बोरा मार्ग पर मेवाड़ का प्रमुख शक्तिपीठ ईडाणा माता मंदिर है. कुराबड तक आपको बस मिल जाती है. अपने वाहन से भी यहां आया जा सकता है. इस मंदिर के ऊपर कोई छत नहीं है और एकदम खुले चौक में स्थित है, यह मंदिर उदयपुर मेवल की महारानी के नाम से प्रसिद्ध है. यह अंधविश्वास है या चमत्कार न्यूज 18 हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.
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FIRST PUBLISHED : October 15, 2023, 23:35 IST