Rajasthan

यह दुकान लोगों के लिए है स्वाद का भंडार, यहां हर रोज टिकिया के 500 प्लेट हो जाते हैं चट…

पीयूष पाठक/​ अलवर. अलवर शहर के चूड़ी मार्केट में करीब 30 सालों से पीपल के पेड़ के नीचे चली आ रही दुकान लोगों के लिए स्वाद का भंडार है. यह दुकान बाजार आने वाले लोगों के लिए खाने पीने का प्रमुख अड्डा है. शहर का ऐसा कोई व्यक्ति होगा जो बाजार में जाकर उस दुकान पर नहीं जाए. इस दुकान पर टिकिया, गोलगप्पे, पपड़ी का स्वाद लाजवाब मिलता है. शुरुआती समय से पीपल के पेड़ के नीचे चलने वाली इस दुकान का नाम इसी तरह से लिया जाता है. यदि कोई व्यक्ति पूछता है यह दुकान तो है तो पीपल के पेड़ के नीचे कहकर ही इस दुकान का नाम दर्शाया जाता है.

पीपल वाली टिक्की से फेमस हुए

अलवर शहर के चूड़ी मार्केट में पीपल के पेड़ के नीचे दुकान चलाने वाले महेश गुप्ता का कहना है कि उनकी दुकान शुरुआती समय से यहीं चल रही है. दो भाई मिलकर इस दुकान को चलाते हैं. महेश ने बताया कि बाजार के बीच भी होने के कारण लोग यहां पर काफी संख्या में आते हैं. हमारी दुकान का स्पेशल कोई नाम नहीं है लोग इसे पीपल पीपल के पेड़ के नीचे वाली दुकान के नाम से ही जानते हैं. जब से हमने दुकान की शुरुआत करी तबसे पीपल के पेड़ के पास काम कर रहे हैं.

दिन भर रहती है भीड़

अलवर शहर के चूड़ी मार्केट में लोगों की अच्छी खासी भीड़ रहती है. रोजाना करीब 1000 से ज्यादा लोग बाजार में खरीदारी करने के लिए आते हैं. महेश ने बताया कि हमारी दुकान पर 11 बजे से लेकर शाम को 6 बजे तक लोगों की अच्छी खासी भीड़ रहती है. हमारे यहां टिकिया की कीमत 30 रुपये, समोसे की कीमत 20 रुपये, दही पपड़ी 30 रुपये के गोलगप्पे 10 रुपये के 4 दिए जाते हैं. शाम के तक टिकिया की पांच सौ प्लेट निकल जाती हैं.

दुकानदार ने बताया कि महिलाएं गोलगप्पे व टिकिया की डिमांड करती हैं. ग्राहकों से हमें जो फीडबैक मिलता है वह अच्छा मिलता है. कई लोग हमारी टिकिया का स्वाद लाजवाब बताते हैं. कई ऐसे लोग भी हैं जो स्पेशल टिकिया व गोलगप्पे खाने के लिए बाजार में आते हैं. महेश ने बताया कि हम सभी आइटम बनाने के लिए अच्छे से अच्छा मसाला यूज़ करते हैं. बाजार से सूखा मसाला लाकर उसे पिसवाया जाता है. उसके बाद इसे यूज लेते हैं. यही हमारे स्वाद का राज है.

Tags: Hindi news, Local18

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