युवक पहले बना लड़की का मुंहबोला भाई, फिर देखने लगा शादी के सपने, पीठ में घोंपा ऐसा छुरा कि बिखर गया परिवार
चित्तौड़गढ़. चित्तौड़गढ़ पुलिस ने बड़ी सादड़ी थाना इलाके में आठ दिन पहले एक मासूम की हुई हत्या के मामले का पर्दाफाश कर दिया है. पुलिस ने इस मामले में मुख्य आरोपी समेत दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपी कोई और नहीं बल्कि उसका मुंहबोला भाई ही निकला. आरोपी ने पहले मासूम के परिवार से नजदीकियां बढ़ाई. फिर मासूम और उसकी तीन बहनों का मुंहबोला भाई बना. मुंहबोली बहनों से राखी बंधवाई फिर एक पर बुरी नजर डाल दी. आरोपी ने लड़की से शादी करने और उसकी जायदाद हड़पने के लिए तीन बहनों के इकलौते मासूम भाई की जान ले ली.
पुलिस अधीक्षक राजन दुष्यंत ने बताया कि 6 जनवरी को बड़ीसादड़ी थाना इलाके के भैरूखेड़ा निवासी डाडमचन्द लौहार का 14 वर्षीय बेटा घनश्याम दिन में पंतग उड़ाने के लिए अचलपुरा स्कूल मैदान में गया था. लेकिन वह घर पर वापस नहीं आया. परिजन उसकी तलाश करते सरथला गांव में पहुंचे. वहां पता चला कि घनश्याम को एक अज्ञात व्यक्ति मोटरसाइकिल पर बिठाकर सोमपुर के रास्ते पर ले गया था.
अपहरण कर मासूम को मार डाला
परिजन जब वहां पहुंचे तो सोमपुर के रास्ते में सरसों के खेत के बाहर घनश्याम घायल अवस्था में पड़ा था. उसको बड़ी सादड़ी अस्पताल लेकर गये. वहां डॉक्टर ने घनश्याम को मृत घोषित कर दिया. पुलिस ने डाडमचंद लौहार की रिपोर्ट पर मामले की जांच शुरू की. उसके बाद पुलिस ने संदिग्ध आरोपी विष्णुदास वैष्णव और मृतक के परिजनों की कॉल डिटेल निकालवाई. पुलिस ने मामले की कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए विष्णुदास वैष्णव को दबोच लिया. उससे पूछताछ की तो सच सामने आ गया. पुलिस ने विष्णुदास के साथ उसके सहयोगी कैलाश को भी गिरफ्तार किया है. इन दोनों ने घनश्याम का अपहरण कर उसे सुनसान इलाके में ले जाकर मार दिया था.
मासूम की बहनों से राखी बंधवाई
पुलिस जांच में सामने आया कि कि सांगरिया निवासी विष्णुदास वैष्णव की मृतक के पिता और उसके परिवार से करीब एक साल पहले जान पहचान हुई थी. उसके बाद वह डाडमचंद को पिता और उसकी पत्नी गोटीबाई को मां कहने लगा. मृतक घनश्याम के तीन बहने हैं. आरोपी विष्णु ने उन तीन लड़कियों को मुंह बोली बहन बनाकर उनसे राखी बंधवाई. इस बीच वह उनमें एक से एकतरफा प्यार करने लगा.
लड़की से शादी कर जायदाद हड़पना चाहता था
वह तांत्रिक विद्या के बहाने उनके घर पर आता जाता रहा. पूरे परिवार को तांत्रिक विद्या के बहाने गुमराह करता रहा. 5 जनवरी को विष्णुदास ने अपने दोस्त कैलाश मेघवाल को भैरूखेड़ा बुलाकर घनश्याम लौहार को दिखाया. उसके जरिये घनश्याम का अपहरण करवाया. जांच में सामने आया कि विष्णुदास डाडमचन्द लौहार के इकलौते लड़के घनश्याम को रास्ते से हटाकर उसकी लड़की के साथ शादी करना चाहता था. इसके साथ ही उसी के घर पर रहकर जमीन जायदाद पर कब्जा करना चाहता था.
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FIRST PUBLISHED : January 14, 2024, 20:56 IST