यूरोप में नए सैनिकों का टोटा, सेना से कन्नी काट रहे युवा | European armies struggling to recruit soldiers

लक्ष्यों को पूरा नहीं कर पा रहे देश: जर्मनी के अनुसार उसकी सेना में 2023 में लगभग 1,500 सैनिकों की कमी आई। वहीं ब्रिटेन ने भी स्वीकारा कि वह भर्तियों के लिए संघर्ष कर रहा है। यहां शामिल होने की तुलना में पिछले साल 5,800 से अधिक लोगों ने सेना छोड़ दी। सेना 2010 के बाद से किसी भी साल अपने भर्ती लक्ष्यों को पूरा नहीं कर पाई है। यह समस्या फ्रांस, इटली, स्पेन सहित सभी यूरोपीय देशों में है। ऐसा कोई देश नहीं जो इससे बचा है। यूक्रेन पर रूसी आक्रमण ने यूरोपीय देशों पर इस मुद्दे को हल करने का दबाव बढ़ा दिया है।
आयरलैंड और फ्रांस में बढ़ रही समस्या: आयरलैंड में हालात बद्दतर दिख रहे हैं। देश में 2022 में शामिल होने वाले लोगों की तुलना में दोगुने से अधिक लोग रक्षा बलों को छोड़ गए। दो साल पहले केवल 435 नए रंगरूट सेना में शामिल हुए, जबकि 891 सदस्य चले गए। फ्रांस भी अपने सैन्य कर्मियों की घटती तादाद से परेशान है। फ्रांसीसी सशस्त्र बलों को छोड़ने वालों में छह प्रतिशत की वृद्धि ने देश के भर्ती प्रयासों को पछाड़़ दिया, जिससे 2021 में लगभग 700 पद रिक्त रह गए।
आप्रवासियों में संभावनाएं तलाशते देश: यूरोप में युवा बड़े पैमाने पर युद्धों, सेना पर बढ़ते खर्च और विदेशों में सैन्य अभियानों के खिलाफ हैं। कम वेतन भी युवा नागरिकों को इस ओर आने से रोक रहा है। महाद्वीप में उम्रदराज होती जनसंख्या के बीच संभावित आवेदकों को खोजने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। ब्रिटिश, इतालवी और फ्रांसीसी सेनाएं अब 10 या 20 साल पहले की तुलना में लगभग आधी रह गई हैं। स्पेन, फ्रांस और पुर्तगाल जैसे देश आप्रवासियों को सेना में शामिल करने पर विचार कर रहे हैं।
- यूक्रेन- 2,200,000
- ब्रिटेन- 1,108,860
- फ्रांस- 3,76,000
- इटली- 2,89,000
- जर्मनी- 2,15,600
स्रोत: ग्लोबल फायरपावर