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यूसीसी पर सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज ने कहा- एकरूपता किसी भी सूरत में फायदेमंद पर बड़े स्तर पर मशविरा लेना जरूरी

रिपोर्ट – अनन्या भटनागर

नई दिल्ली: ऐसे वक्त में जब देश के कोने कोने में समान नागरिक संहिता (UCC) पर चर्चा चल रही है,  हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय से सेवानिवृत्त हुए न्यायाधीश कृष्ण मुरारी ने इस बात पर जोर दिया है कि “एकरूपता किसी भी सूरत में फायदेमंद है.” न्यूज 18 से खास बातचीत में न्यायाधीश मुरारी ने कहा कि ‘ एकरूपता हमेशा ही फायदेमंद होती है लेकिन समान नागरिक संहिता को लागू करने से पहले जनता के साथ व्यापक स्तर पर सलाह मशविरा किया जाना चाहिए.’

यूसीसी पर पहले बहुमत की राय जानना जरूरी
सेवानिवृत्त न्यायाधीश कृष्ण मुरारी ने यह भी कहा कि, हो सकता है कि यूसीसी देश या समाज के लिए अच्छा नहीं हो, लेकिन एक बार व्यापक स्तर पर आम राय मिल जाए और यह मालूम चल जाए की बहुमत क्या चाहता है उसके बाद ही इसे कानून के तौर पर लागू किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, “जो भी प्रस्तावित संहिता है, उसे पब्लिक डोमेन में लाया जाना चाहिए ताकि हर किसी को उस पर गौर करने और अपनी आपत्तियां दर्ज करने और साथ में अपने तर्क देने का मौका मिले.”

यूसीसी पर सुझाव भेजने की अंतिम तिथि बढ़ेगी
भारत के विधि आयोग ने शुक्रवार को जनता के लिए यूसीसी पर अपने विचार और सुझाव भेजने की समय सीमा को दो हफ्ते के भीतर बढ़ाने की घोषणा की है. वहीं राष्ट्रीय महिला आयोग ने 15 जुलाई को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में मुस्लिम पर्सनल लॉ की समीक्षा पर ध्यान केंद्रित करते हुए मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों पर अंतिम परामर्श आयोजित किया. महिला निकाय ने अपने  बयान में कहा, “ जहां परामर्श के दौरान, मुस्लिम पर्सनल लॉ के संहिताकरण की साफ जरूरत व्यक्त की गई वहीं विवाह और तलाक कानून और संरक्षकता कानून पर फिर से विचार करने की जरूरत भी बताई गई.”

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पुरुषों और महिलाओं के लिए समान स्थिति हो- अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमानी
भारत के अटॉर्नी जनरल, आर. वेंकटरमानी ने चर्चा में शामिल होकर, विवाह संस्था में सुधार और मजबूती की जरूरत पर रोशनी डाली.  उन्होंने चर्चा में कुछ खास बातों पर जोर दिया जिसमें  (अ) पुरुषों और महिलाओं के लिए समान सम्मान, (ब) पुरुषों और महिलाओं के लिए समान स्थिति, (सी) धर्म का विचार किये बिना वैवाहिक संबंधों में प्रवेश करने और बाहर निकलने में गरिमा सुनिश्चित करने वाली प्रक्रियाओं की समानता.

Tags: Supreme Court, Uniform Civil Code

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