रमजान के चलते फलों की बढी डिमांड, सीजनल फलों की बिक्री से बढ़ी दुकानदारों की आमदनी
पीयूष पाठक/अलवर : इस्लाम धर्म का पाक महीना रमजान शुरू होने से बाजार में फलों की मांग एकाएक बढ गई. इससे सीजनल फ्रूट को खरीदार भी मिल रहे हैं और फलों के दुकानदारों को अच्छा मुनाफा भी खूब हो रहा है. इस कारण बाजार में विक्रेताओं के चेहरे खिल गए हैं. रमजान महीने में तरबूज, मौसमी, केला, चीकू, खजूर आदि फलों की लोग खूब खरीदारी कर रहे हैं.
रमजान का महीना शुरू होते ही सीजनेबल फलों के दाम बढ़ गए है. इसका कारण है कि रमजान महीने में रोजेदार इफ्तार को बिना खजूर के पूरा नहीं करते. इस्लामिक धार्मिक मान्यताओं के अनुसार रोजे और खजूर का खास कनेक्शन है. इसलिए रमजान महीने में खजूर की मांग में अचानक तेजी देखी जा रही है.
बाहरी राज्यों से हो रही फलों की आवक
फल विक्रेता चेतराम चौधरी ने बताया कि रमजान का महीना मुस्लिम समाज के लिए खास होता है. रमजान के दौरान फलों का ज्यादा उपयोग किया जाता है. इसलिए फलों की डिमांड भी बढ गई है. रमजान के महीने में मांग को देखते हुए अलवर सब्जी मंडी में बाहरी राज्यों से सीजनल फलों की आवक आ रही है. बाहरी राज्यों से आने वाले फलों के दाम भी अभी तेजी पर है. इस कारण कई बार फल खरीदने वाले लोग बढ़े हुए दामों से फल खरीदने में संकोच करते हैं. हालांकि लोग बढ़े हुए दाम पर भी खूब फल खरीद रहे हैं. फल विक्रेताओं ने बताया की तरबूज, मौसमी, केला, कीवी, नारियल पानी, चीकू आदि फल इन दिनों ज्यादा बिक रहे हैं. इसका मुख्य कारण रमजान शुरू होना भी है.
अलवर फल मंडी के व्यापारी सौरभ कालरा का कहना है कि रमजान महीने में फलों की डिमांड में एकाएक वृद्धि हो जाती हैं. रविवार को भी तरबूज की महाराष्ट राज्य से अच्छी आवक हुई. वहीं महाराष्ट्र के नासिक के अंगूरों को भी अलवर वासी खरीद रहे हैं. प्रतिदिन 8 से 10 गाड़ी की आवक हो रही है. वहीं अंगूर की एक गाड़ी करीब 10 हजार किलो की रहती है. यानी प्रतिदिन करीब 1 लाख किलो अंगूर अलवर आ रहे है और यहां से आसपास की मंडियों में भी जा रहे हैं.
इन फलों की बढ़ी कीमत
फल विक्रेता चेतराम ने बताया कि पिछले पांच दिनों से फल के दामों में तेजी आई है, जहां तरबूज पहले 20 रूपए किलो बिक रहा था. वहीं अब 30 से 35 रुपए किलो बिक रहा है. संतरा पहले 45 से 50 थी अब 60 रूपए तक बिक रही है. सभी फ्रूट में रमजान की वजह से थोड़ी तेजी आई है. क्योंकि रमजान में फलों की डिमांड अधिक होती हैं. डिमांड बढ़ने के साथ ही रेट मैं तेजी होना आम बात है क्योंकि अभी माल कम है और डिमांड ज्यादा है.
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FIRST PUBLISHED : March 17, 2024, 17:37 IST