राजस्थान का यह समाज बारिश के लिए करता है इंद्रदेव की पूजा, 200 वर्षों से चली आ रही परंपरा
रवि पायक/ भीलवाड़ा. राजस्थान प्रदेश अपने खास रियासतों और अपने पौराणिक प्राचीन परंपराओं को लेकर पूरे भारत देश ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में जाना जाता है. यहां पर ऐसी कई परंपरा और प्राचीन मान्यता है जो अपने आप को खास बनाती है. राजस्थान प्रदेश में कई ऐसे समाज है जो अपनी प्राचीन परंपराओं को लेकर जाने जाते हैं. हम आपको एक ऐसे समाज के बारे में बताने जा रहे हैं जो बीते 200 सालों से अच्छी बारिश को लेकर इंद्रदेव को मनाने के लिए पूजा पाठ करते हैं. यह परंपरा यह समाज 200 सालों से पीढ़ी दर पीढ़ी आज तक निभाते हुए आ रहा है. दरअसल हम बात कर रहे हैं मेवाड़ के प्रवेश द्वार कहे जाने वाले भीलवाड़ा जिले के कोली समाज की जो हर वर्ष प्रदेश और जिले में अच्छी बारिश की कामना को लेकर इंद्रदेव को मनाते हैं.
आपके शहर से (भीलवाड़ा)
भीलवाड़ा जिले के शाहपुरा में कोली मौहल्ला शिव मंदिर से कोली समाज की और से आषाढ पूनम पर इन्द्र पूजा करके बरसात के लिए प्रार्थना की गई. इसके तहत कोली मौहल्ला शिव मंदिर स्थित गढ़गूली माता मंदिर पर धूप घ्यान देकर सिर पर कलश लेकर कोली समाज के लोग एक जगह पर एकत्रित होकर गाजे बाजे के साथ-साथ हाथ में ज्योत में धूप ध्यान देकर रवाना होते हुए साथ में छोटे-छोटे बच्चे हाथों में झाड़ियां लेकर कोली मौहल्ला निकलकर कस्बे के मुख्य मार्गो से होते हुए सदर बाजार ,नया बाजार, बालाजी की छतरी होते हुए फुलिया गेट पहूंचे औऱ वहां पर बरसात के लिए वहां पर गोबर का लेप कर पानी का कलश भर कर बरसात के लिए भगवान इन्द्र को मनाने के लिए समाज के सभी व्यक्ति पूजा अर्चना करके बरसात के लिए इन्द्र भगवान को मनाने के आव्हान किया.
कोली समाज विकास संस्था के अध्यक्ष नरेश कुमार कोली ने कहा कि हमारी समाज शुरुआत से ही पर्यावरण और खेती प्रिय समाज रही है. इसको लेकर बीते 200 सालों से हमारी समाज यह परंपरा निभाते हुए आ रही है. इस परंपरा में बुजुर्ग ही नहीं बल्कि छोटे बच्चे भी शामिल होता है. इसके तहत हम अलग-अलग मंदिरों में जाकर पूजा पाठ करते हैं. ताकि इंद्रदेव प्रसन्न हो सके यही नहीं गाजे-बाजे के कस्बे में भगवान की ज्योत भी निकाली जाती है और अंत मे फुलिया गेट से सदर बाजार होते हुए पिवनिया तालाब भैरूनाथ के स्थान पर पहुंच कर चावल के कांसे का धूप लगाकर प्रसाद वित्तरित किया जाता हैं. वहां पर भी पिवणिया भरने की कामना करते हैं.
.
Tags: Hindi news, Rajasthan news
FIRST PUBLISHED : June 06, 2023, 14:09 IST