Rajasthan

राजस्थान का यह समाज बारिश के लिए करता है इंद्रदेव की पूजा, 200 वर्षों से चली आ रही परंपरा

 रवि पायक/ भीलवाड़ा. राजस्थान प्रदेश अपने खास रियासतों और अपने पौराणिक प्राचीन परंपराओं को लेकर पूरे भारत देश ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में जाना जाता है. यहां पर ऐसी कई परंपरा और प्राचीन मान्यता है जो अपने आप को खास बनाती है. राजस्थान प्रदेश में कई ऐसे समाज है जो अपनी प्राचीन परंपराओं को लेकर जाने जाते हैं. हम आपको एक ऐसे समाज के बारे में बताने जा रहे हैं जो बीते 200 सालों से अच्छी बारिश को लेकर इंद्रदेव को मनाने के लिए पूजा पाठ करते हैं. यह परंपरा यह समाज 200 सालों से पीढ़ी दर पीढ़ी आज तक निभाते हुए आ रहा है. दरअसल हम बात कर रहे हैं मेवाड़ के प्रवेश द्वार कहे जाने वाले भीलवाड़ा जिले के कोली समाज की जो हर वर्ष प्रदेश और जिले में अच्छी बारिश की कामना को लेकर इंद्रदेव को मनाते हैं.

आपके शहर से (भीलवाड़ा)

  • यूपी की तर्ज पर अब कांग्रेस के राज्‍य में भी चला बुलडोजर, महिला हिस्ट्रीशीटर का घर जमींदोज

    यूपी की तर्ज पर अब कांग्रेस के राज्‍य में भी चला बुलडोजर, महिला हिस्ट्रीशीटर का घर जमींदोज

  • लव मैरिज करने वाली बेटी ने परिजनों को पहचानने से किया इंकार, आहत पिता ने छपवाया शोक संदेश, मृत्‍यु भोज का आयोजन

    लव मैरिज करने वाली बेटी ने परिजनों को पहचानने से किया इंकार, आहत पिता ने छपवाया शोक संदेश, मृत्‍यु भोज का आयोजन

  • Odisha Train Accident पर CBI की मिला अहम सबूत | Balasore Train Accident | Breaking News | Top News

    Odisha Train Accident पर CBI की मिला अहम सबूत | Balasore Train Accident | Breaking News | Top News

  • MBBS स्टूडेंट ने गैंग के साथ मिलकर की ऑनलाइन ठगी, इंस्टाग्राम को बनाया जरिया, 1 करोड़ ठग डाले

    MBBS स्टूडेंट ने गैंग के साथ मिलकर की ऑनलाइन ठगी, इंस्टाग्राम को बनाया जरिया, 1 करोड़ ठग डाले

  • किसानों को लोन के ब्याज से चाहिए राहत, तो इस तारीख तक जमा कर दें लोन, वरना भरना होगा ब्याज

    किसानों को लोन के ब्याज से चाहिए राहत, तो इस तारीख तक जमा कर दें लोन, वरना भरना होगा ब्याज

  • Odisha Train Accident में बचे ड्राइवर ने खोल दिया हादसे वाले दिन का राज | Breaking News | Balasore

    Odisha Train Accident में बचे ड्राइवर ने खोल दिया हादसे वाले दिन का राज | Breaking News | Balasore

  • 3 बच्चों की मां को 5 बच्चों वाले देवर से हुआ प्यार, रिश्ते-नाते तोड़ जंगल में कर डाला बड़ा कांड

    3 बच्चों की मां को 5 बच्चों वाले देवर से हुआ प्यार, रिश्ते-नाते तोड़ जंगल में कर डाला बड़ा कांड

  • RBSE 10th Result 2023 :  छोटे से गांव के सरकारी स्कूल के इस छात्र ने किया कमाल, 10वीं में हासिल किए 95.17%

    RBSE 10th Result 2023 : छोटे से गांव के सरकारी स्कूल के इस छात्र ने किया कमाल, 10वीं में हासिल किए 95.17%

  • भीलवाड़ा की इस बेटी ने माउंट एवरेस्ट बेस कैंप पर लहराया तिरंगा, बनी जिले की पहली महिला

    भीलवाड़ा की इस बेटी ने माउंट एवरेस्ट बेस कैंप पर लहराया तिरंगा, बनी जिले की पहली महिला

  • WTC Final : हर बार England में ही क्यों होता है WTC Final Match ? India Vs Australia । Ind Vs Aus

    WTC Final : हर बार England में ही क्यों होता है WTC Final Match ? India Vs Australia । Ind Vs Aus

  • PHOTOS: टूट गई शंकर एंड शंकर की जोड़ी, हमेशा के लिए बिछड़ गए 2 यार, सबकुछ एक जैसा था...

    PHOTOS: टूट गई शंकर एंड शंकर की जोड़ी, हमेशा के लिए बिछड़ गए 2 यार, सबकुछ एक जैसा था…

भीलवाड़ा जिले के शाहपुरा में कोली मौहल्ला शिव मंदिर से कोली समाज की और से आषाढ पूनम पर इन्द्र पूजा करके बरसात के लिए प्रार्थना की गई. इसके तहत कोली मौहल्ला शिव मंदिर स्थित गढ़गूली माता मंदिर पर धूप घ्यान देकर सिर पर कलश लेकर कोली समाज के लोग एक जगह पर एकत्रित होकर गाजे बाजे के साथ-साथ हाथ में ज्योत में धूप ध्यान देकर रवाना होते हुए साथ में छोटे-छोटे बच्चे हाथों में झाड़ियां लेकर कोली मौहल्ला निकलकर कस्बे के मुख्य मार्गो से होते हुए सदर बाजार ,नया बाजार, बालाजी की छतरी होते हुए फुलिया गेट पहूंचे औऱ वहां पर बरसात के लिए वहां पर गोबर का लेप कर पानी का कलश भर कर बरसात के लिए भगवान इन्द्र को मनाने के लिए समाज के सभी व्यक्ति पूजा अर्चना करके बरसात के लिए इन्द्र भगवान को मनाने के आव्हान किया.

कोली समाज विकास संस्था के अध्यक्ष नरेश कुमार कोली ने कहा कि हमारी समाज शुरुआत से ही पर्यावरण और खेती प्रिय समाज रही है. इसको लेकर बीते 200 सालों से हमारी समाज यह परंपरा निभाते हुए आ रही है. इस परंपरा में बुजुर्ग ही नहीं बल्कि छोटे बच्चे भी शामिल होता है. इसके तहत हम अलग-अलग मंदिरों में जाकर पूजा पाठ करते हैं. ताकि इंद्रदेव प्रसन्न हो सके यही नहीं गाजे-बाजे के कस्बे में भगवान की ज्योत भी निकाली जाती है और अंत मे फुलिया गेट से सदर बाजार होते हुए पिवनिया तालाब भैरूनाथ के स्थान पर पहुंच कर चावल के कांसे का धूप लगाकर प्रसाद वित्तरित किया जाता हैं. वहां पर भी पिवणिया भरने की कामना करते हैं.

Tags: Hindi news, Rajasthan news

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj