राजस्थान की यह वीरांगना शहीद पति के लिए रखती है करवा चौथ का व्रत, ऐसे करती है पारण

राहुल मनोहर/सीकर. करवा चौथ पति-पत्नी का त्यौहार है. इस दिन पत्नियां अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती है. लेकिन सीकर जिले में एक ऐसी भी महिला है जो अपने पति की मृत्यु के बाद भी उनके लिए करवा चौथ का व्रत रखती है.
सीकर जिले के वीर शहीद की वीरांगना संतोष देवी ने ये करवा चौथ पर व्रत रखा है. वीरांगना ने करवा चौथ के दिन सोलह श्रृंगार किया. इसके बाद वे अब पति की फोटो लगाकर व्रत की कहानी सुनी. इस दिन वीरांगना ने अपने पति को याद कर के खूब रोया भी. वीरांगनाओं का कहना है कि पति ने देश की रक्षा करते हुए जान दी है लेकिन वे आज भी हमारे दिल में जिंदा हैं और अमर हैं. इसके साथ ही बॉर्डर पर तैनात देश की रक्षा कर रहे फौजी भाइयों की सलामती की दुआ भी करती हैं.
पति को शहीद होने के बाद भी रखती हैं व्रत
सीकर के सिंगडोला छोटा की शहीद वीरांगना संतोष देवी हर साल करवा चौथ का व्रत रखती है. वीरांगना ने कहा कि 1996 में शादी हुई थी. 3 साल बाद ही 15 मई 1999 कारगिल युद्ध में पति बनवारी लाल बगड़िया शहीद हो गए थे. 24 साल से वे अपने पति की याद में सुहागिनों के सारे व्रत और त्यौहार मनाती हूं. करवा चौथ पर विधि-विधान से पूजा-अर्चना करती हुं. रात को चांद को जल देकर और शहीद पति की फोटो देखकर ही व्रत खोलती हूं.संतोष देवी का आगे कहा कि उनके पति को पाकिस्तानी सैनिकों ने चारों तरफ से घेरकर अपनी गिरफ्त में ले लिया था. उनके हाथ-पैर की उंगली काटकर गर्म सलाखों से गोदा इसके बाद उनके शव को क्षत-विक्षत हालत में छोड़ दिया. भारतीय सेना को उनका शव 9 जून 1999 को मिला. वीरांगना ने रोते हुए कहा कि सरहद पर देश सेवा में जुटे जवान किसी के पति, बेटे और भाई हैं. जवानों की सुरक्षा की व्यवस्था सरकार को करनी चाहिए.
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FIRST PUBLISHED : November 1, 2023, 22:40 IST