राजस्थान: प्रिंसिपल की मेहनत लाई रंग, बदल दी स्कूल की तस्वीर, मिला 51 हजार रुपये का इनाम
बाड़मेर. राजस्थान के बाड़मेर का शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, जांभोजी का मंदिर जिले का सर्वश्रेष्ठ स्कूल चुना गया है. यह स्कूल जिले के धोरीमन्ना उपखंड क्षेत्र के तहत आता है. इस मौके पर सीडीईओ तनुराम राठौड़ ने स्कूल के एसडीएमसी को 51 हजार रुपये का चेक और प्रशस्ति पत्र देकर पुरस्कृत किया. इसे लेकर एसडीएमसी सदस्यों, भामाशाहों, अभिभावकों और ग्रामीणों में खुशी का माहौल है.
बता दें, इस ग्रामीण क्षेत्र में यह एकमात्र ऐसा स्कूल है जहां शैक्षिक वातावरण के साथ हर प्रकार की सुख सुविधाएं उपलब्ध हैं. छात्र-छात्राओं का कहना है कि स्कूल में शिक्षा के साथ-साथ हर तरह की गतिविधि होती है. इससे छात्र के सर्वांगीण विकास में मदद मिलती है. यहां ग्रामीणों, प्रधानाचार्य और शिक्षकों के बीच गजब का तालमेल है. इससे छात्रों को स्कूल में आने पर अच्छा अनुभव होता है. इसलिए पढ़ाई भी अच्छी होती है. बच्चों को कंप्यूटर शिक्षा मिलती है, और, अगर किसी शिक्षक की कमी होती है तो उसकी भी पूर्ति कर दी जाती है. इस वजह से स्कूल का परिणाम भी बेहतर रहता है.
मेहनत से बदल गया सबकुछ
ग्रामीणों का कहना है कि स्कूल को इनाम यहां के प्रधानाचार्य आशुराम बिश्नोई की मेहनत, लगन और दृढ़ इच्छाशक्ति के कारण मिला है. साल 2015 में यह स्कूल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बना था. ग्रामीण परिवेश होने के कारण नामांकन भी नाम मात्र के थे. जैसे-जैसे सुविधाएं बढ़ीं, शिक्षकों की मेहनत के चलते नामांकन का आंकड़ा भी बढ़ता गया. कोरोना काल के दौरान प्रधानाचार्य आशुराम बिश्नोई ने स्टाफ, साथियों और भामाशाह के सहयोग से स्कूल की तस्वीर ही बदल दी. विद्यालय को हर सुख सुविधा उपलब्ध करवाकर अभिभावकों व विद्यार्थियों के समक्ष एक ऐसा अनूठा नजारा पेश किया. सारा विद्यालय परिसर हरा-भरा बना दिया. आज स्कूल में अलग-अलग प्रकार के 200 से अधिक औषधीय, फलदार, फूलदार और छायादार पेड़ हैं. विद्यालय में शैक्षणिक वातावरण को उन्नत बनाने के लिए स्मार्ट क्लास भी संचालित की जाती हैं.
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मिशन ई-ज्ञान के तहत करवा रहे अध्ययन
स्कूल के प्रधानाचार्य का कहना है कि आज जो भी सफलता मिली है उसमें सभी का सहयोग है. हमारे स्कूल के छात्र और अभिभावक लगातार स्कूल में मदद के लिए तैयार रहते हैं. इसी का नतीजा है कि हम स्कूल को बेहतर बना पाए. स्कूल में गुणवत्तापूर्ण अध्ययन के लिए विषय विशेषज्ञों का ऑनलाइन सहयोग लेकर हर समस्या का समाधान किया जाता है. कई विषयों के अध्यापक के पद रिक्त होने के बावजूद मिशन ई-ज्ञान और एसडीएमसी के माध्यम से स्टाफ की वैकल्पिक व्यवस्था करके विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण अध्ययन करवाया जाता है. बता दें कि जब से विद्यालय क्रमोन्नत हुआ तब से गणित विषय के अध्यापक का पद रिक्त चल रहा है. लेकिन इसके बावजूद भी एसडीएमसी के सहयोग से विद्यार्थियों को गणित पढ़ाई जाती है. इसकी वजह से हर वर्ष शत-प्रतिशत रिजल्ट रहता है.

सीडीईओ तनुराम राठौड़ ने राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, जांभोजी का मंदिर के एसडीएमसी को 51 हजार का चेक व प्रशस्ति पत्र देकर पुरस्कृत किया है.
विद्यालय को मिले कई अवार्ड्स
इतना ही नहीं वर्ष 2017 से लगातार विद्यालय को फाइव स्टार रैंकिंग भी मिल रही है. पिछले वर्ष गार्गी पुरस्कार और बालिका प्रोत्साहन में 6 बालिकाओं का चयन हुआ. वही इंस्पायर अवार्ड में पिछले वर्ष 1 छात्र व इस वर्ष भी एक छात्र का चयन हुआ है. विद्यालय की ओर से जब भी नवाचार करने के लिए ग्रामीणों के समक्ष मांग रखी जाती है बढ़-चढ़कर भामाशाह आगे आते हैं और हर जरूरत को पूरा किया जाता है. हर समाज में संत-महात्माओं को दक्षिणा दी जाती है, लेकिन जांभोजी का मंदिर के संत सूरदास महाराज ने प्रेरित होकर विद्यार्थियों के अध्ययन के लिए भामाशाह बन कर प्रोजेक्टर भेंट किया गया है.
डिजिटल शिक्षा की ओर हो रहा अग्रसर
इतना ही नहीं हर घर तुलसी अभियान के दौरान एसडीएमसी की ओर से विद्यार्थियों को तुलसी के पौधे वितरित किए गए. साथ ही साथ अन्य विद्यालय राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय अरणियाली, उच्च माध्यमिक विद्यालय लुखू, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय भलीसर व राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय कबूली को भी तुलसी के पौधे उपलब्ध करवाए गए. विद्यालय डिजिटल शिक्षा की ओर अग्रसर हो रहा है. कक्षा 1 से लेकर 12 तक सभी कक्षाओं में प्रोजेक्टर व एलईडी लगे हुए हैं. डिजिटल शिक्षा के माध्यम से विद्यार्थियों को शिक्षा दी जा रही हैं. वहीं विद्यालय की पीटीएम मिटिंग में ग्रामीणों भी बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं जिसमें महिलाओं की संख्या भी अधिक रहती है.
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FIRST PUBLISHED : March 31, 2023, 15:45 IST