राजस्थान: बालिका वधू हुई गर्भवती, 13 साल की उम्र में हो गया था निकाह, गर्भपात की मांगी इजाजत

हाइलाइट्स
बूंदी के हिंडौली का है मामला
बालिका वधू अभी 16 साल की है
पीड़िता ने पति पर भी लगाए मारपीट के आरोप
बूंदी. राजस्थान के बूंदी जिले के हिंडौली इलाके में एक बालिका वधू की पीड़ा सामने आई है. यहां तीन साल पहले कोरोना काल में 13 साल की मासूम बच्ची का निकाह करा दिया गया. महज 16 साल की उम्र में यह बालिका वधू गर्भवती हो गई. लेकिन वह अभी बच्चा नहीं चाहती है. लिहाजा उसने बाल कल्याण समिति को आवेदन कर गर्भपात की इजाजत मांगी है. समिति इस मामले में कानूनी राय ले रही है. उसके बाद इस मसले पर फैसला लिया जाएगा.
बाल कल्याण समिति के मुताबिक बालिका वधू 2 महीने के गर्भ से है. इस नाबालिग गर्भवती ने अपने पति पर मारपीट करने का भी आरोप लगाया है. समिति इस मामले में सभी कानूनी और डॉक्टरों से राय ले रही है. नाबालिग ने समिति के समक्ष आवेदन कर अपनी मर्जी से गर्भपात कराने का आग्रह किया है. उसका कहना है कि परिजनों ने 3 साल पहले कोरोना काल के दौरान 13 साल की उम्र में ही उसका निकाह कर दिया था.
अभी नाबालिग के बयान नहीं हुए हैं
उसके बाद बाद वह कई बार ससुराल गई. वहां उसका पति आए दिन उसके साथ मारपीट करता है. इससे वह परेशान है. वह अब पति के साथ रहना नहीं चाहती है. वह 2 महीने की गर्भवती है. उसके भविष्य को देखते हुए गर्भपात करवाया जाए. बूंदी जिले की बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष सीमा पोद्दार ने बताया कि मामले में नियमानुसार कार्रवाई जारी है. अभी नाबालिग के बयान नहीं हुए हैं. नाबालिग के बयान लेने के बाद आगे की कार्रवाई होगी.
पीड़िता को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है
महिला एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. मोबिन खान ने बताया कि यदि कम उम्र में ही गर्भपात होता है तो पीड़िता को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है. सबसे पहले तो उसकी देखभाल जरूरी है. शारीरिक कमजोरी भी आ सकती है. वहीं एडवोकेट विवेक नंदवाना ने बताया कि कोई नाबालिग गर्भ से है और वह संतान नहीं चाहती है तो जल्द ही मेडिकल बोर्ड से राय लेकर कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए. लेकिन नाबालिग के आवेदन पर कोई निर्णय पारित किए जाने की कानून अनुमति नहीं देता है.
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FIRST PUBLISHED : July 22, 2023, 19:34 IST