राजस्थान में गहराया संकट, कभी भी हो सकती है बिजली गुल!
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जयपुर/पत्रिका न्यूज नेटवर्क: प्रदेश में फिर से बिजली संकट शुरू हो गया है। मानसून की बेरुखी के बीच छह अलग-अलग उत्पादन यूनिट से 2280 मेगावाट का बिजली उत्पादन ठप हो गया। वहीं रविवार को कालीसिंध थर्मल की पहली इकाई ट्यूब लीकेज के चलते बंद हो गई। इससे बिजली उत्पादन और डिमांड में करीब 1500 मेगावाट से ज्यादा का अंतर गहरा गया। दस दिन में 500 लाख यूनिट की बिजली की डिमाण्ड बढ़ चुकी है। ऐसे हालात के बीच गांवों और कस्बाई इलाकों में बिजली कटौती शुरू हो गई है। वहीं, शहरों (संभागीय मुख्यालय के दस शहर के अलावा), नगर पालिका क्षेत्र, औद्योगिक क्षेत्र में भी जल्द एक से डेढ़ घंटे कटौती शुरू करने के निर्देश दे दिए गए हैं।
गांवों के अलावा शहरों में एक से डेढ़ घंटा घोषित कटौती की जाएगी। कटौती का समय सुबह 6.30 से 8.30 बजे के बीच एक- एक घंटा करने पर मंथन चल रहा है
डिमांड 3270 लाख यूनिट पहुंची
प्रदेश में रोज विद्युत की औसत खपत 3270 लाख यूनिट से भी अधिक हो गई है। विद्युत की अधिकतम मांग 16000 मेगावाट तक पहुंच गई है, जो कि राष्ट्रीय स्तर पर 205977 मेगावाट तक दर्ज हुई है।
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इनसे उत्पादन ठप
– राज्य विद्युत उत्पादन निगम की छबड़ा प्लांट की 2 यूनिट- 910 मेगावाट
– कोटा प्लांट -1 यूनिट – 210 मेगावाट
– सूरतगढ़ प्लांट की 2 यूनिट- 910 मेगावाट
– छबड़ा तापीय संयंत्र की 1 यूनिट – 250 मेगावाट
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यह गिनाए कारण
दक्षिणी राज्यों में स्थित मुख्य तापीय संयंत्र (कूडगी, कोस्टल एनर्जीन, वेल्लारी) की कुछ इकाइयां बन्द हैं। पवन ऊर्जा के उत्पादन में भी 38 प्रतिशत की कमी आई है।