राजस्थान में जलदाय विभाग का हाल खराब—हजारों की आबादी लीकेज और पेयजल की गुणवत्ता से परेशान | phed

प्रशासन शहरों के संग अभियान में सामने आई जलदाय विभाग की फील्ड मॉनिटरिंग की हकीकत
10 हजार से ज्यादा शिकायतें पानी के लीकेज,पेयजल की गुणवत्ता और अवैध कनेक्शन की मिली
पीएचईडी इंजीनियरों का दावा—100 प्रतिशत शिकायतों का किया समाधान
सवालों के घेरे में इंजीनियरों की फील्ड पोस्टिंग और मॉनिटरिंग
सवालों के घेरे में जल भवन के शीर्ष इंजीनियरों की मॉनिटरिंग और इंजीनियर्स की फील्ड पोस्टिंग
जयपुर
Published: December 27, 2021 11:28:52 pm
पुनीत शर्मा
जयपुर।
प्रदेश में इस समय प्रशासन शहरों के संग अभियान चल रहा है। यह अभियान विभागों में आम आदमी की परिवेदनाओं की सुनवाई और अफसरों की कार्यशैली की पोल खोल कर सरकार को आइना भी दिखा रहा है। अभियान के दौरान पूरे प्रदेश में जलदाय विभाग के फील्ड इंजीनियरों की आम आदमी की पेयजल संबधी परिवेदनाओं के समाधान की जो स्थिति भी सामने आई है उससे जल भवन से पुख्ता फील्ड मॉनिटरिंग करने वाले इंजीनियर भी अपना मुंह छुपा रहे हैं। क्योंकि जल भवन से लेकर जिलों तक इंजीनियरों की फौज होने के बाद भी हजारों की तादात में लोग पाइप लाइन में लीकेज से पानी की बर्बादी,पानी की गुणवत्ता,दूषित पानी से परेशान होकर अपनी परिवेदनाएं लेकर इन शिविरों में पहुंचे हैं। जिस हिसाब से पेयजल संबधी परिवेदनाएं दर्ज हुई है उससे फील्ड इंजीनियरों की फील्ड पोस्टिंग और जल भवन में बैठने वाले शीर्ष इंजीनियरों की फील्ड मॉनिटरिंग भी सवालों के घेरे में आ गई है।
इतनी परिवेदनाएं मिली
पाइप लाइन से पानी का लीकेज—9945
पानी की गुणवत्ता—क्लोरीन टेस्टिंग—10036
दषित पेयजल की समस्या—237
अवैध कनेक्शन—908
कुल शिकायतें—27211
शिकायतों का समाधान—27185
पेंडिंग—26

The state is now facing a deep crisis: the thirst quenched with tanker and camper water
लीकेज से पानी की बर्बादी में अजमेर और जयपुर प्रथम सबसे आगे
अभियान की रिपोर्ट को देखें तो लीकेज के जरिए पानी की बर्बादी और पेयजल की गुणवत्ता संबधी समस्याओं में अजमेर और जयपुर प्रथम का हाल सबसे ज्यादा खराब है। अजमेर में तो पानी की बर्बादी का यह हाल तब है जब वहां 72 घंटे में एक बार पेयजल की सप्लाई होती है। वहीं जयपुर प्रथम के अधीन दौसा,सीकर और झुन्झुनु में भी लोग पानी के लीकेज और गुणवत्ता से परेशान हैं।
न रात्रि विश्राम और न ही दौरे,कैसे पता चले जमीनी हकीकत
पीएचईडी इंजीनियर ग्रामीण क्षेत्रों में न रात्रि विश्राम कर रहे हैं और न ही दौरे कर रहे हैं। इन हालातों में इंजीनियरों को लोगों की प्रतिदिन के हिसाब से आने वाली पेयजल समस्याओं की जमीनी हकीकत ही पता नहीं है। अब रात्रि विश्राम और दौरे तय किए गए हैं। जिससे इंजीनियर ज्यादा से ज्यादा ग्रामीण क्षेत्रों में जा सकें।
शिविरों में यह तस्वीर सामने आई लीकेज और पेयजल गुणवत्ता की शिकायतों की संभागवार संभाग—लीकेज पेयजल गुणवत्ता
अजमेर 1965 2689
भरतपुर 671 872
उदयपुर—655 575
कोटा—673 1252
जोधपुर—।—718 816
जोधपुर—।।—739 411
जयपुर—।—1101 1206
जयपुर—।।—1100 1235
बीकानेर—1239 1263 वर्जन
शिविरों में पेयजल संबधी परिवेदनाएं आई उनका शत प्रतिशत समाधान किया गया है। हम पड़ताल कर रहे हैं कि लीकेज और पेयजल की गुणवत्ता की जो परिवेदनाएं मिली हैं उनकी संख्या इतनी ज्यादा क्यों रही। फील्ड में तैनात इंजीनियरों से जबाव तलब किया जाएगा।
सीएम चौहान
मुख्य अभियंता
शहरी
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