राजस्थान में बिजली संकट से बचने के लिए ऊर्जा विकास निगम ने बनाया नया प्लान, जानें क्या है योजना | Energy Development Corporation made new plan generate electricity by storing water power crisis in Rajasthan

इससे निपटने के लिए ऊर्जा विकास निगम ने पानी स्टोरेज कर एक हजार मेगावाट बिजली लेने का प्लान तैयार किया है। इसकी बिडिंग प्रक्रिया के लिए राज्य विद्युत विनियामक आयोग से अनुमति मांगी है। इसके तहत प्रदेश अनुबंधित कंपनी को सोलर व विंड एनर्जी देगा और उसके बदले कंपनी पीक समय में बिजली सप्लाई करेगी। इसके लिए कंपनी पंप स्टोरेज प्लांट के जरिए बिजली बनाएगी। ताकि, पीक समय में भी आसानी से बिजली डिमांड पूरी की जा सके और कटौती की नौबत नहीं आए।
ये है योजना
– पंप स्टोरेज (सूरज, हवा से मिलने वाली बिजली का स्टोरेज) के रूप में यह प्रोजेक्ट होगा।
– बांध, जलाशय के नजदीक पानी स्टोरेज सिस्टम बनेगा। एक पहाड़ी पर और दूसरा नीचे होगा। इन दोनों जलाशय में पानी भरा जाएगा। यहीं टरबाइन लगेगा।
– सोलर व विंड प्लांट से मिलने वाली बिजली को स्टोरेज सिस्टम में भेजेंगे। यहां पंप के जरिए पानी को ऊपर भेजेंगे और पानी वहां स्टोरेज हो जाएगा। जब बिजली की जरूरत होगी तो पानी को फिर से नीचे भेजकर टरबाइन चलाकर बिजली उत्पादित करेंगे और पानी नीचे वाले जलाशय में स्टोरेज हो जाएगा। इस प्रक्रिया से बिजली बनेगी, जिसे डिस्कॉम्स या अन्य को सप्लाई किया जा सकेगा।
अमरीका-चीन की तर्ज पर अब राजस्थान में बना अनूठा ड्रोन, खासियतें जानकर आप भी कहेंगे ‘भई वाह!’
फैक्ट फाइल
– 18340 मेगावाट का अधिकतम डिमांड आई
– 3714 लाख यूनिट तक सप्लाई की पहली बार
– 701 लाख यूनिट बिजली विंड से मिली है पहली बार
60 लाख यूनिट बिजली मिलेगी
एक हजार मेगावाट के प्लांट से एक दिन में करीब 60 लाख यूनिट बिजली मिल सकेगी। हालांकि, पीक समय में 120 से 132 लाख यूनिट तक बिजली की अतिरिक्त मांग रहती है। इस गेप को कम करने के लिए एक निजी कंपनी के साथ भी 490 मेगावाट का एमओयू किया जा रहा है।