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राजस्थान में यहां दिखाई देते हैं सबसे ज्यादा स्लॉथ बियर, कई दुर्लभ पशु-पक्षियों का घर है ये फारेस्ट सेंचुरी

सिरोही : राजस्थान के गुजरात सीमा के करीब माउंट आबू के आसपास के क्षेत्र में माउंट आबू वन्यजीव अभयारण्य कई दुर्लभ पशु-पक्षियों का घर है. ये सेंचुरी स्लॉथ बीयर (भालू) के रहने के लिए उचित जगह है. पिछले करीब 10-15 सालों में यहां भालू की संख्या में बढ़ोत्तरी होने से भालू वन में घूमते या सड़क से गुजरते नजर आ जाते हैं.

माउंट आबू घूमने आने वाले पर्यटकों को तलहटी से माउंट आबू के रास्ते में ही लंगूर नजर आ जाते हैं. यहां के अभ्यारण्य क्षेत्र में जाने के लिए पर्यटकों को वन विभाग की अनुमति लेना आवश्यक है. माउंट आबू की तलहटी से शुरू होने वाली ये सेंचुरी माउंट आबू व अरावली पर्वतमाला की सबसे ऊंची चोटी गुरुशिखर को चारों तरफ से कवर करती हैं.

इस वन्यजीव अभयारण्य की स्थापना वर्ष-1960 में हुई थी. करीब 326 वर्ग किलोमीटर में फैली ये फोरेस्ट सेंचुरी का जंगल सेमी एवरग्रीन कैटेगरी में आता है. अंतिम बार 1872 में शेर व 1970 में टाइगर देखा गया था. वर्तमान में यहां पैंथर शीर्ष शिकारी जंगली जानवर है. इसके अलावा साम्भर, जंगली बिल्ली, सीवेट केट, भेडि़या, लकडबग्गा, लोमड़ी, लंगूर, जंगली सूअर, पेंगोलिन, बिज्जू, नेवला, खरगोश, मगरमच्छ, कछुएं आदि जीव-जंतु पाए जाते हैं. पैंथरों के संरक्षण के लिए प्रोजेक्ट लैपर्ड के तहत माउंट आबू सेंचुरी को शामिल किया गया था.

यहां पाई जाती है दुर्लभ ग्रीन मुनिया
सेंचुरी में काफी संख्या में पक्षी पाए जाने से यह बर्डवॉचर्स की पसंदीदा जगहों में से एक हैं. माउंट के इन जंगल में ग्रीन मुनिया समेत स्पेशल बर्ड प्रजाति के पक्षी यहां पाए जाते हैं. दुर्लभ ग्रीन मुनिया बर्ड वर्ष-2004 में संख्या 400 से कम थी, जो वर्ष-2020 में बढ़कर दो हज़ार से अधिक हो गई थी. यहां 150 से अधिक पक्षियों की प्रजाति देखी जा चुकी है. इनमें बी ईटर, कुकुस, बेबलर्स, बार्बेट, वूडपैकर, काइट्स, फ्लावरपेकर्स, किंगफिशर, नाइटजार आदि प्रजाति के पक्षी देखे गए हैं.

केवल माउंट आबू सेंचुरी में मिलती है कारा घास
इस अभ्यारण्य के दक्षिण पश्चिमी भाग में बांस के पेड़ काफी संख्या में हैं. प्रदेश में कारा प्रजाति की घास केवल माउंट के जंगल में ही मिलती है. वहीं सफेद और गुलाबी गुलाब, करौंदा, चम्पा, बकाइन, चमेली की प्रजातियां एवं 7 वर्ष में नीले फूलों खिलने वाले पेड़ के अलावा आम, जामुन, विलोज, नीम, तुलसी, नीम गिलोय, सिल्वर ऑक, आंवला, एलोवेरा करोंदे, खजूर, कंती, फालसा (बेरी), अंजीर आदि पेड़-पौधे भी यहां पाए जाते हैं. माउंट आबू के जंगलों में चिकित्सकीय महत्व रखने वाले 81 प्रजाति के पेड़, 89 प्रजाति की झाडि़यां, 28 प्रकार की लताएं व 17 प्रकार के कंदमूल पाए जाते हैं.

Tags: Local18, Rajasthan news, Sirohi news

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